उत्तराखंड चुनाव के नतीजे साफ इशारा कर रहे हैं कि मोदी लहर में कांग्रेस के अरमान बह गए। मोदी मैजिक इस कदर चला कि डबल इंजन की सरकार के नारे सामने स्थानीय मद्दों को जनता के कोई भी तरजीह नहीं दी। आलम यह रहा कि भाजपा के बागियों को भी जनता ने सबक सिखा दिया।
मतदान के बाद मतदाताओं के मौन ने सभी सियासी दलों को असमंजस में डाल ऱखा था। खुद को सियासी पंडित मानने वाले किसी भी सियासी दल नेता के पास इस बात का जवाब नहीं था कि जनता का मूड क्या है। आज गुरुवार को मतों की गिनती शुरू होने के कुछ घंटों बाद ही साफ हो गया था कि जनता ने मोदी मैजिक पर ही भरोसा किया है। कांग्रेस ने तमाम स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया। लेकिन भाजपा ने सबसे ज्यादा पीएम नरेंद्र मोदी के डबल इंजन सरकार पर भी खासा जोर दिया।
भाजपा की ओर से प्रचार में भी मोदी के नाम पर वोट मांगे और बताया कि किस तरह से मोदी जी ने उत्तराखंड के हित में क्या-क्या काम किए हैं और आगे भी इसी तरह से विकास होता रहेगा। सांसद अजय भट्ट ने इस तथ्य को बेकाबी से स्वीकार भी किया। एक न्यूज चैनल से बातचीत में भट्ट ने कहा कि इस बार चुनाव में जनता ने प्रत्याशी का चेहरा नहीं देखा। जनता ने ईवीएम में केवल कमल का बटन तलाशा और मोदी जी के नाम पर ही मतदान किया।
इस चुनाव में मोदी मैजिक इस कदर चला कि भाजपा के बागियों को जनता ने सिरे से ही नकार दिया। देहरादून और ऊधमसिंह नगर जिलों की कई सीट पर माना जा रहा था कि भाजपा के बागी के पार्टी को नुकसान हो सकता है। लेकिन इन्हें मिले मतों की संख्या से आसानी से समझा जा सकता है कि जनता ने इनकी इस हरकत को मोदी के खिलाफ माना और ना-पसंद किया।