पंजाब में गुरदासपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की कामयाबी के चर्चे हर तरफ हो रहे हैं। हाल ही में होने वाले गुजरात, हिमाचल चुनाव के पहले कांग्रेस को मिली जीत को कांग्रेस एक बड़ी सफलता के रूप में देख रही है।
कांग्रेस के उम्मीदवार सुनील जाखड ने 1,93,219 मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के स्वर्ण सलरिया को बुरी तरह पराजित किया है।
भाजपा के लिए यह इसलिए भी बड़ी हार है क्योंकि गुरदासपुर लोकसभा सीट दिवंगत भाजपा सांसद विनोद खन्ना के निधन की वजह से रिक्त हुई थी। जिस पर कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को मैदान में उतारा तो भाजपा ने स्वर्ण सलारिया और आम आदमी पार्टी ने मेजर जनरल सुरेश खजारिया पर दांव खेला था। लेकिन लोगों ने इस बार अपना बहुमत भाजपा की जगह कांग्रेस की झोली में डाल दिया। नतीजतन लगभग दो लाख वोटों के बड़े अंतर से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
अब लोगों के अंदर जिज्ञासा है कि आखिर कौन हैं सुनील जाखड़ जिन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को पटखनी दी।
कौन है सुनील जाखड़?
पंजाब में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार सुनील जाखड़ इस समय पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी यानि पीपीसीसी के अध्यक्ष हैं। उनके राजनीतिक जीवन की बात करें तो सुनील जाखड़ साल 2002 में अबोहार सीट जीतकर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 2007 और 2012 के चुनावों में वो फिर से विधायक चुने गए।
वे 2002 से पंजाब की अबोहार सीट से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं। जाखड़ 2012 से लेकर 2017 तक पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष की भूमिका में भी रह चुके हैं।
सुनील जाखड़ कांग्रेस पार्टी के दिवंगत नेता बलराम जाखड़ के बेटे हैं। बलराम जाखड़ 1980-1989 के बीच लोक सभा के स्पीकर रहे थे। बलराम 2004 से लेकर 2009 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।