मोदी कैबिनेट में बुधवार को हुए उलटफेर के बाद मनसुख मंडाविया को स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। अब स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के साथ-साथ रसायन और उर्वरक मंत्रालयों के प्रभारी होंगे। कोरोना काल में मोदी सरकार पर मैनेजमेंट को लेकर कई सवाल उठ रहे थे जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग हर किसी के निशाने पर था। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन की छुट्टी कर मनसुख मंडाविया को नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया।
मंडाविया उन 7 मंत्रियों में से एक हैं जिन्हें प्रमोशन दिया गया है। 49 साल के मंडाविया साइकिल से संसद जाया करते थे। उन्होंने गुजरात कृषि विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन किया और बाद में राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर पूरा किया। मंडाविया का राजनीतिक दौर एबीवीपी के सदस्य के तौर पर शुरू हुआ था। जिसके बाद उन्होंने भाजपा में आगे बने रहने का फैसला किया। 2002 में 28 साल की उम्र के साथ वह सबसे कम उम्र के विधायक बने थे।
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के भाजपा नेता मंडाविया 2016 से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में एक महत्वपूर्ण युवा चेहरा रहे हैं। उन्हें पहली बार 5 जुलाई, 2016 को सड़क परिवहन और राजमार्ग, शिपिंग और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। 30 मई, 2019 को उन्हें फिर से रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री के रूप में बंदरगाहों, नौवहन और जलमार्ग के स्वतंत्र प्रभार के साथ शपथ दिलाई गई।
1 जुलाई 1972 को भावनगर जिले के हनोल गांव में एक किसान परिवार में जन्मे मंडाविया पहली बार 2012 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 2018 में फिर से चुने गए। इससे पहले, उन्होंने गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
शपथ लेने के बाद उन्होंने बुधवार को कहा था कि नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी ने एक बार फिर मुझे भरोसा दिया है और मुझे सरकार का हिस्सा बनाने के लिए आमंत्रित किया है। मैं उन दोनों का आभारी हूं।