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मराठा आंदोलन: क्या मनोज जरांगे की जान को है खतरा? महाराष्ट्र सरकार में कहा- जरूरत हुई तो सुरक्षा बढ़ायी जाएगी

महाराष्ट्र के मंत्री शंभुराज देसाई ने मंगलवार को कहा कि सरकार जालना पुलिस ने इस दावे पर एक रिपोर्ट...
मराठा आंदोलन: क्या मनोज जरांगे की जान को है खतरा? महाराष्ट्र सरकार में कहा- जरूरत हुई तो सुरक्षा बढ़ायी जाएगी

महाराष्ट्र के मंत्री शंभुराज देसाई ने मंगलवार को कहा कि सरकार जालना पुलिस ने इस दावे पर एक रिपोर्ट मांगेगी कि मराठा आरक्षणवादी कार्यकर्ता मनोज जरांगे का गांव ड्रोन निगरानी में है।

मंत्री ने विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार द्वारा उठायी गयी चिंताओं का जवाब देते हुए विधानसभा में कहा कि यदि जरूरत महसूस हुई तो इन कार्यकर्ता की सुरक्षा भी बढ़ायी जाएगी। वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि जरांगे का अंतरवाली सराती (गांव) ड्रोन निगरानी में है और सरकार को उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।

विधानसभा में यह मुद्दा उठाते हुए उन्होंने दावा किया कि शायद कार्यकर्ता की जान खतरे में है। अंतरवाली सराती सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में मराठा समुदाय के वास्ते आरक्षण की मांग संबंधी विरोध प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है।

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘ सभी को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है और यदि गांव ड्रोन निगरानी में है तो यह अच्छा नहीं है। ग्रामीण डरे हुए हैं।’’ देसाई ने कहा कि सरकार जालना के पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगेगी और उपयुक्त कदम उठायेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ जरांगे को पहले सशस्त्र सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी थी। यदि जरूरत महसूस हुई तो उनकी सुरक्षा बढ़ायी जाएगी।

इस बीच अंतरवाली सराती (गांव) के लोगों ने ग्राम सरपंच कौशल्याबाई तारख के घर के ऊपर ड्रोन उड़ते हुए नजर आने का दावा किया। सरपंच के घर पर ही जरांगे रह रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि सप्ताह से भी कम समय में दूसरी बार ड्रोन दिखा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें जरांगे ड्रोन की ओर इशारा करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह कह रहे हैं, ‘‘मैंने भी ड्रोन देखा है। कुछ लोग हमें डराने के लिए यह पैंतरेबाजी कर रहे हैं लेकिन हम नहीं डरते। ये चालें हमें हमारे संघर्ष से नहीं डिगा पाएंगी।’’

पिछले महीने ही अपना अनिश्चिकालीन उपवास स्थगित कर चुके जरांगे उस मसौदा अधिसूचना को अधिसूचित करने की मांग कर रहे हैं जिसमें कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘सगे सोयरे’ (रक्त संबंधी रिश्ते) की मान्यता दी गयी है। वह कुनबी को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए एक कानून की भी मांग कर रहे हैं।

कुनबी कृषक समुदाय है और ओबीसी के अंतर्गत आता है। जरांगे की मांग है कि कुनबी का प्रमाणपत्र मराठा समुदाय के सभी सदस्यों को जारी किया जाए ताकि वे भी आरक्षण का लाभ उठाने के पात्र हो जाएं।

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