लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के सामने खड़ी दीवार को मजबूत करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के समय इस दीवार को कमजोर करने काम जितनी मजबूती से होना था, वो नहीं हो पाया।
कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों की ओर से आयोजित ‘संविधान रक्षक अभियान’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस चाहे कुछ भी कर लें, देश में जाति जनगणना और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा तोड़ने का काम होकर रहेगा।
उन्होंने दावा किया कि इस बात की गारंटी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान को नहीं पढ़ा है, क्योंकि यदि उन्होंने पढ़ा होता तो वह वो काम नहीं करते जो रोजाना करते हैं।
राहुल गांधी के अनुसार, ‘‘20 साल से देख रहा हूं...24 घंटे आपको बताया जाता है कि आपको जगह मिलेगी, लेकिन नहीं...धीरे-धीरे दीवार मजबूत होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग की सरकार ने मनरेगा दिया, जमीन का अधिकार दिया, भोजन का अधिकार दिया, वो दीवार को कमजोर करने के तरीके थे। आज मैं कह सकता हूं कि जिस प्रकार से दीवार को कमजोर करना था, हमने नहीं किया, जिस मजबूती से उस दीवार को कमजोर करने काम करना था, हमने नहीं किया, संप्रग सरकार ने नहीं किया।’’
राहुल गांधी का कहना था, ‘‘हम दीवार को तोड़ने की कोशिश करते थे, लेकिन ये (भाजपा) दीवार में सीमेंट डाल रहे हैं, कंक्रीट डाल रहे हैं।
इस दीवार को जाति जनगणना के जरिये तोड़ा जा सकता है।
राहुल गांधी ने दावा किया कि आम लोगों की जेब से पैसा निकालकर कुछ उद्योगपतियों को दिया जा रहा है।