पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में इमामों को प्रतिनिधियों के साथ बैठक में भाजपा, सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय एजेंसियों पर निशाना साधा। ममता ने कहा कि मुर्शिदाबाद दंगे पूर्व नियोजित थे और भाजपा, बीएसएफ और कुछ केंद्रीय एजेंसियों के बीच मिलीभगत थी।
जनसभा में ममता बनर्जी ने कहा, "मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा अचानक नहीं हुई। यह भाजपा और बीएसएफ की साजिश का हिस्सा था। दंगा कराने के लिए बांग्लादेश से घुसपैठियों को बुलाया गया ताकि बंगाल में अशांति फैलाई जा सके।" उन्होंने भाजपा पर राज्य को बदनाम करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया। ममता ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने वक्फ कानून लागू करने से इनकार कर दिया है, ऐसेमें केंद्र सरकार के इशारे पर हिंसा भड़काई गई।
भाजपा ने किया पलटवार
ममता के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने पलटवार किया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, "ममता बनर्जी अपनी नाकामी छिपाने के लिए बीजेपी और बीएसएफ पर झूठे आरोप लगा रही हैं। बंगाल में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, और उनकी सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।" बीजेपी ने यह भी दावा किया कि ममता की सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है और हिंसा को रोकने में नाकाम रही है।
हिंसा में 3 लोगों की मौत और 150 से अधिक घायल
मुर्शिदाबाद में 10-12 अप्रैल को हुई हिंसा में पत्थरबाजी, आगजनी और पुलिस वाहनों को निशाना बनाया गया था। हिंसा में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी, 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हिंसा के बाद इलाके में बीएसएफ की 9 और सीआरपीएफ की 8 कंपनियां तैनात की गई थीं। केंद्रीय बलों की तैनाती कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर की गई, जिसकी मांग बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने की थी।
राज्यपाल ने व्यक्त की चिंता
वहीं इस संबंध में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा कि वे ममता बनर्जी के लगातार संपर्क में हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी स्थिति पर नजर रख रहा है। हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की गई है। मुर्शिदाबाद हिंसा ने एक बार फिर बंगाल में सांप्रदायिक और राजनीतिक हालात को उजागर कर दिया है। ममता बनर्जी के आरोपों और भाजपा के पलटवार के बीच यह मामला और तूल पकड़ सकता है।