कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्विटर पर कहा, क्या यह मात्र एक संयोग है कि 1000 और 2000 रुपए के नोट राजग 1 और राजग 2 की देन हैं तो कालेधन को कौन प्रोत्साहित कर रहा है?
उन्होंने कहा कि जब वर्ष 1978 में स्वतंत्रता के बाद पहली बार नोटबंदी की गई थी तब अटल बिहारी वाजपेयी कैबिनेट मंत्री थे लेकिन जब वह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने यह कदम दोबारा नहीं उठाया क्योंकि यह सफल नहीं रहा था।
पटेल ने ट्वीट किया, मैं वाजपेयी जी का सम्मान करता हूं। वह 1978 में नोटबंदी के दौरान कैबिनेट मंत्री थे। यदि यह सफल रही थी तो उन्होंने अपनी सरकार में इसे पुन: लागू क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा, वाजपेयी जी वर्ष 1978 में 1000 रुपए के नोटों का चलन बंद करने के निर्णय का हिस्सा थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में इसे :1000 रुपए के नोट: फिर शुरू किया। क्या कोई कह सकता है कि उन्होंने देश से पहले पार्टी के हितों को रखा?
पटेल ने कहा, राजेंद्र बाबू से लेकर इंदिरा जी और डॉ. :मनमोहन: सिंह तक, हमने लगातार नोटबंदी का विरोध किया गया है। यू टर्न लेने की आदत वाले लोगों को इतिहास पूरी तरह पढ़ना चाहिए।
कांग्रेस ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा कि वाजपेयी 1000 रुपए के नोट लेकर आए। मोदी 2000 रुपए के नोट लेकर आए। लोग फैसला करेंगे कि कालाधन जमाखोरों की मदद कौन सी पार्टी कर रही है।