कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर 17 दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। कयास लगाया जा रहा था कि इस भोज में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति वाले उम्मीदवार पर चर्चा होनी है। संसद परिसर के पुस्तकालय में सोनिया की मेजबानी में आयोजित भोज की बैठक संपंन्न हो गई है।
बैठक के समाप्त होने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बैठक में राष्ट्रपति के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई है। ममता ने कहा कि अगर राष्ट्रपति के उम्मीदवार के लिए किसी नाम पर सहमति नहीं बनती है, तो एक कमेटी का गठन होगा। बैठक के बारे में विपक्ष का सयुंक्त बयान जल्द ही जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैठक में सहारनपुर, कश्मीर और ईवीएम मशीन के डेमो के मुद्दे पर बात हुई।
बैठक में कांग्रेस, बीएसपी, जेडीएस, राजद, सीपीएम, सीपीआई, आरएसपी, डीएमके, सपा, एनसीपी, टीएमसी, केरल कांग्रेस, जेएमएम और मुस्लिम लीग के नेता शामिल हुए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जगह जदयू का प्रतिनिधित्व शरद यादव ने किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बसपा प्रमुख मायावती सहित अन्य दलों के प्रतिनिधि हिस्सा लिया।
सोनिया गांधी जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार के खिलाफ विपक्षी दलों की तरफ से साझा उम्मीदवार उतारना चाहती हैं। यह भोज इसलिए भी अहम हो गया है क्योंकि 26 मई को ही नरेंद्र मोदी सरकार अपना तीन साल पूरा कर रही है।