कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को 19 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में देश के राजनीतिक हालात और विपक्ष की भावी रणनीति पर चर्चा की गई। करीब तीन घंटे चली बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव हैं, स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों में विश्वास करने वाली सरकार देने के लिए व्यवस्थित रूप से योजना बनानी होगी। इसके बाद साझा बयान में विपक्षी दलों ने 20 से 30 सितंबर तक विभिन्न मांगों को लेकर देशभर में प्रदर्शन का एलान किया। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के खिलाफ एक कोर ग्रुप बनाने का सुझाव दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि इस समय विपक्षी दलों की एकजुटता राष्ट्रहित की मांग है और कांग्रेस अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखेगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी दलों का आह्वान किया कि देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए।
संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान दिखी विपक्षी एकजुटता का उल्लेख करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि यह विपक्षी एकजुटता संसद के आगे के सत्रों में भी बनी रहेगी। लेकिन व्यापक राजनीतिक लड़ाई संसद से बाहर लड़ी जानी है।’’
बैठक के बाद जारी साझा बयान में कहा गया है कि सभी 19 दल 20 से 30 सितंबर तक पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और राजनीतिक बंदियों को रिहा करने समेत 11 मांगें की गईं। इनमें जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाने,जम्मू-कश्मीर कैडर सहित पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, राज्य में जल्द से जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनिवार्य गारंटी दिए जाने और भीमा कोरेगांव मामले और सीएए का विरोध करने वाले राजनीतिक बंदियों को रिहा करना शामिल है। साझा बयान में संसद के मानसून सत्र में पेगासस मामले में चर्चा से इनकार करने, किसान विरोधी कानूनों को रद्द नहीं करने, कोविड-19 प्रबंधन में नाकामी और बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार की निंदा की गई।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने सुझाव दिया कि विपक्ष के नेताओं का एक कोर ग्रुप बनना चाहिए, जो कि साझा कार्यक्रमों व आंदोलनों पर निर्णय करे। ममता ने विपक्षी नेताओं से कहा वे अपने मतभेद अलग रखें और 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को परास्त करने के लिए एकजुट होकर काम करें। लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव ने बैठक के बाद कहा कि ममता बनर्जी ने कोर ग्रुप बनाने और उसकी हर तीन चार दिनों में बैठक करने का सुझाव दिया।
कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी शामिल हुए। दूसरी पार्टियों से फारूक अब्दुल्ला, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, शरद यादव और सीताराम येचुरी समेत कई बड़े नेता जुड़े। बैठक में आम आदमी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी को न्यौता नहीं भेजा, जबकि सपा का कोई नेता मीटिंग से नहीं जुड़ा। बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, द्रमुक, एनसीपी, शिवसेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा, माकपा, भाकपा, नेशनल कांफ्रेंस, राजद, एआईयूडीएफ, विदुथलाई चिरुथाईगल कताची, लोकतांत्रिक जनता दल, जेडीएस, आरएलडी, आरएसपी, केरल कांग्रेस एम, पीडीपी व आईयूएमएल दल शामिल हुए।