कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर शुक्रवार को महंगाई, बेरोजगारी एवं कुछ अन्य विषयों पर उससे नौ सवाल पूछे और कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने अपने वादों को पूरा नहीं करके देश के साथ जो विश्वासघात किया है’ उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
मुख्य विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जो वादे किये थे, वह काल्पनिक थे और कोई वादा पूरा नहीं हुआ। कांग्रेस ने ‘नौ साल, नौ सवाल’ शीर्षक से एक पुस्तिका भी जारी की और कहा कि 26 मई को प्रधानमंत्री मोदी को ‘माफी दिवस’ के रूप मनाना चाहिए।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘नौ साल बाद आज कांग्रेस नौ सवाल पूछ रही है। राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान ये सवाल पूछे थे, लेकिन प्रधानमंत्री और सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।”
उन्होंने सवाल किया, ‘प्रधानमंत्री जी, ऐसा क्यों है कि महंगाई और बेरोजगारी आसमान छू रही हैं? आर्थिक विषमता क्यों बढ़ रही है? ऐसा क्यों है कि किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं हुई, किसानों के साथ किये गए वादे पूरे क्यों नहीं हुए, एमएसपी की कानूनी गारंटी क्यों नहीं दी गई?’
रमेश ने यह भी पूछा, ‘अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए, एसबीआई और एलआईसी में जमा लोगों की खून -पसीने की कमाई का क्यों इस समूह में निवेश किया गया, अडाणी समूह की फर्जी कंपनियों में जमा 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं?’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी, आपने चीन को लाल आंख दिखाने की बात करने के बावजूद चीन को क्लीन चिट क्यों दी? चुनावी फायदे के लिए, राजनीतिक फायदे के लिए डर का माहौल क्यों पैदा किया जा रहा है?’
रमेश ने कहा, ‘ऐसा क्यों है कि आप महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर चुप रहते हैं, जाति आधारित जनगणना पर चुप्पी क्यों है?’
कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, ‘ऐसा क्यों है कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है और विपक्ष शासित सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है? क्या ऐसा नहीं है कि कुप्रबंधन से 40 लाख लोगों की मौत हुई और प्रभावित परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया?’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इन सवालों पर चुप्पी तोड़नी चाहिए।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ”आज का दिन प्रधानमंत्री को माफी दिवस के तौर पर मनाना चाहिए। सभी देशवासियों से प्रधानमंत्री को माफी मांगना चाहिए क्योंकि भारत के लोगों के साथ विश्वासघात हुआ है।’ खेड़ा ने कहा, ‘उन्होंने जो बातें कीं और वादे किये, वह सभी काल्पनिक थे।”