कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए के एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के वृत्तचित्र के खिलाफ अपने ट्वीट को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच पार्टी में अपने सभी पदों से बुधवार को इस्तीफा दे दिया।
अनिल एंटनी ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे की घोषणा की जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें वृत्तचित्र के खिलाफ किए अपने ट्वीट को वापस लेने के लिए कई ‘‘असहिष्णु’’ फोन कॉल आ रहे हैं और इसी मुद्दे पर ‘‘नफरत/अपशब्दों की फेसबुक ‘वॉल’ ’’ के कारण उन्होंने यह फैसला किया। उन्होंने अपने ट्विटर खाते पर अपने त्याग पत्र का एक हिस्सा पोस्ट किया।
उन्होंने कहा, ‘‘कल से हो रहे घटनाक्रमों के मद्देनजर मेरा मानना है कि मेरे लिए कांग्रेस में अपनी भूमिकाओं– केपीसीसी (केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी) डिजिटल मीडिया के संयोजक और एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) सोशल मीडिया एवं डिजिटल संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सह-समन्वयक– को छोड़ना उचित होगा।’’
अनिल के. एंटनी ने कहा, मैं पूरे जीवन कांग्रेस से जुड़ा रहा और मेरे पिता पिछले 6 दशकों से पार्टी के साथ हैं। ऐसे पृष्ठभूमि से आने के बाद भी पिछले 24 घंटों में जो कुछ हुआ, खासकर कांग्रेस के कुछ विशेष कोनों से, उसने मुझे बहुत आहत किया है। मुझे लगता है कि ये एक सही निर्णय है।
उन्होंने कहा कि मैंने कल एक ट्वीट किया था और मैंने वो ट्वीट अपने अच्छे इरादे से किया था.....उसके बाद काफी धमकी भरे कॉल और नफरत भरे संदेश आने लगे। मैं जहां से आता हूं मुझे नहीं लगता ये वो लोग हैं जिनके साथ मुझे काम करना चाहिए।
अनिल ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि भारतीय जनता पार्टी के साथ तमाम मतभेदों के बावजूद उनका मानना है कि बीबीसी और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री एवं ‘‘इराक युद्ध के पीछे के दिमाग’’ जैक स्ट्रॉ के विचारों को भारतीय संस्थानों के विचारों से अधिक महत्व देना खतरनाक चलन है और इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी।