पूर्व शिक्षा मंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित देश बनना है तो एक शिक्षक का वेतन एक आईएएस अधिकारी से अधिक होना चाहिए।
उन्होंने यह टिप्पणी शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली नगर निगम द्वारा आयोजित 'शिक्षक सम्मान समारोह' को संबोधित करते हुए की।
सिसोदिया ने कहा, "आज 2047 के भारत के बारे में बहुत चर्चा हो रही है। आज यहां जो शिक्षक बैठे हैं, जो बच्चे आपके साथ हैं, वे 2047 के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। 2047 का भारत इन बच्चों पर निर्भर करता है। लेकिन नीति निर्माताओं को भी उनके लिए कुछ करना होगा।"
उन्होंने जर्मनी, स्विट्जरलैंड और कुछ अन्य देशों का उदाहरण देते हुए कहा, "अधिकांश विकसित देशों में शिक्षकों का वेतन वहां के नौकरशाहों से अधिक है। पांच साल के अनुभव वाले शिक्षक को पांच साल की तैनाती वाले आईएएस अधिकारी से अधिक वेतन मिलता है।"
तिहाड़ जेल में अपने कारावास के बारे में बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि वह हर दिन 8-10 घंटे किताबें पढ़ने और विभिन्न देशों की शिक्षा प्रणाली के बारे में जानने में बिताते थे।
उन्होंने कहा, "पिछले डेढ़ साल मैं अपने जीवन के सबसे कठिन हालातों में रहा। जब हम कठिन परिस्थितियों में होते हैं, तो शिक्षकों द्वारा सिखाई गई बातें सबसे ज्यादा काम आती हैं। मैंने इस दौरान खूब पढ़ाई की। मैं 8-10 घंटे किताबें पढ़ता था। सबसे ज्यादा मैंने शिक्षा, भारत की शिक्षा प्रणाली, दुनिया की शिक्षा प्रणाली के बारे में पढ़ा।"
सिसोदिया आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 17 महीने तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहे। पिछले महीने उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था।