दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की करीबी मानी जाने वाली अंजलि ने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने खरीद-फरोख्त के लिए नहीं, बल्कि सिद्धांतों के लिए आप के संयोजक का समर्थन किया था। उन्होंने ट्वीट किया, मैं छोड़ती हूं.....मैं इस बकवास के लिए आप में नहीं आई थी। मैंने उनमें विश्वास किया था।....मैंने खरीद-फरोख्त के लिए नहीं, बल्कि सिद्धातों के लिए अरविंद का समर्थन किया था।
दिल्ली के रोहिणी से आप के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने एक ऑडियो क्लिप के माध्यम से केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि पिछले साल उन्होंने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने के बारे में बात की थी। महाराष्ट्र में पार्टी की वरिष्ठ नेता रहीं अंजलि ने लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी के खिलाफ नागपुर से चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। उनका इस्तीफा उस वक्त आया जब प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की ओर से केजरीवाल की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जाने को लेकर आप में आंतरिक कलह चल रही है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले यही अंजलि दमानिया पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ और अरविंद केजरीवाल के पक्ष में बोल रही थी। अचानक से उनके यू-टर्न पर पार्टी में घमासान और तेज हो गया है। आप में एक गुट योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को इस आरोप के आधार पर निकलवाना चाहता है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टी को हरवाना चाहते थे। आरोप है कि योगेंद्र यादव ने आप के खिलाफ मीडिया में खबरें प्लांट करवाईं और प्रशांत भूषण ने दानदाताओं और स्वयंसेवकों को पार्टी के लिए काम करने से रोकने की कोशिश की।
आप के भीतर जारी घमासान के बीच पार्टी के एक विधायक ने शांतिभूषण और प्रशांत भूषण के साथ ही योगेंद्र यादव को पार्टी से निकालने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। करावल नगर से आप विधायक कपिल मिश्रा ने यह अभियान चलाया है। उनका कहना है कि पार्टी के विधायकों से उन्हें इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।