कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान अब भी कुछ हद तक जारी है। भले ही प्रतिस्पर्धा अब स्पष्ट रूप से सामने न दिखे, लेकिन प्रतिस्पर्धा तो है। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया एक हफ्ते में आज दूसरी बार डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से मिले। नाश्ते की बैठक के बाद सिद्धारमैया ने यहां तक कह दिया कि जब हाईकमान कहेगा तब शिवकुमार सीएम बनेंगे।
दरअसल, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री से मिलने के बाद, सीएम ने मंगलवार को पुष्टि की कि कांग्रेस नेता 'एकजुट' हैं और कांग्रेस सरकार को एक साथ चलाएंगे। सीएम पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच डीके शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने के बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा, "जब हाईकमान कहेगा।"
बता दें कि पहली मुलाकात में इडली-सांभर और उपमा के बाद, डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया की पारंपरिक नाटी चिकन और इडली की गरमागरम प्लेटों से मेज़बानी की।
बेंगलुरू में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी आलाकमान के साथ भी बैठक की योजना है।
उन्होंने कहा, "मैं और डीके शिवकुमार एकजुट हैं। हम भविष्य में भी मिलकर सरकार चलाएँगे। हमारे सभी विधायक एकजुट हैं और एकजुट होकर हम विपक्ष का सामना करेंगे। हम एक ही पार्टी में हैं, एक ही विचारधारा का पालन करते हैं और साथ मिलकर काम करते हैं। भविष्य में भी हम दोनों मिलकर काम करेंगे और पार्टी को सत्ता में वापस लाएंगे।"
उन्होंने कहा, "नाश्ते के बाद, हमने विधानसभा सत्र पर चर्चा की। यह निर्णय लिया गया कि हमें 2 दिसंबर को विधायकों की बैठक बुलानी चाहिए। हम किसानों के मुद्दों और राज्य के अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे।"
सीएम ने कहा, "हम दोनों आलाकमान, खासकर राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लिए गए निर्णय को स्वीकार करेंगे। अगर वे (पार्टी आलाकमान) हमें (दिल्ली) बुलाते हैं, तो हम निश्चित रूप से जाएंगे। कल मैं केसी वेणुगोपाल से एक समारोह में मिल रहा हूँ, जहाँ हम दोनों को आमंत्रित किया गया है।"
नेतृत्व संघर्ष की अटकलों को कमतर आंकते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि वे हमेशा एकजुट रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह एकता आज की कोई नई बात नहीं है; हम हमेशा से एकजुट रहे हैं। राहुल गांधी जो भी निर्णय लेंगे, हम उसके अनुसार कार्य करेंगे; यही मैंने कहा है।"
मुख्यमंत्री ने एमएसपी का मुद्दा उठाया तथा मक्का और गन्ना किसानों के लिए सरकार के समर्थन की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, "मैं उनके (उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार) आवास पर नाश्ते के लिए आया हूं। डीके शिवकुमार नाश्ते के लिए मेरे घर आए थे और उन्होंने मुझे अपने घर पर नाश्ते या दोपहर के भोजन के लिए आने के लिए आमंत्रित किया था। इसलिए मैं आज आया और हमने नाश्ता किया। हमने पार्टी से संबंधित मामलों पर चर्चा की।"
उन्होंने कहा, "इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अगले सोमवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। भाजपा और जेडी(एस) हमारे द्वारा लिए गए किसी भी फैसले का विरोध करने की योजना बना रहे हैं। हमारी सरकार किसान समर्थक है। हमने मक्का और गन्ने से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। मैंने किसानों से बात की है और सरकार ने कीमत तय कर दी है। मैंने किसानों, मुर्गीपालकों और मत्स्यपालकों से भी बात की है।"
डी.के. शिवकुमार ने राज्य में विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
शिवकुमार ने एक्स पर लिखा, "आज अपने आवास पर माननीय मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए मुझे गर्व महसूस हो रहा है। हम कर्नाटक के विकास और अपने लोगों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
कुनिगल के विधायक रंगनाथ और शिवकुमार के भाई एवं पूर्व सांसद डी.के. सुरेश भी नाश्ते की बैठक में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री पद को लेकर आंतरिक असहमति, जो 2023 के "सत्ता-साझाकरण समझौते" पर आधारित है, ने दोनों नेताओं को दूसरी बार मिलने के लिए प्रेरित किया है, ताकि पूर्ण संकट से बचा जा सके।
यह बैठक 29 नवंबर की सुबह सिद्धारमैया के कावेरी निवास पर दोनों नेताओं के बीच हुई उच्च स्तरीय बातचीत के बाद हुई है।