दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर असंवैधनिक तरह से दिल्ली वक्फ बोर्ड फिर से गठित करने के लिए आमादा रहने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक दल ने उपराज्यपाल से मुलाकात कर इस कदम पर रोक लगाने की मांग की है।
भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को दिए ज्ञापन में कहा है कि दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार के कारण भंग दिल्ली वक्फ बोर्ड को असंवैधानिक तरीके से गठित करने के लिए आमदा है। यह नैतिक तथा संवैधानिक दृष्टि से अवांछनीय है । उन्होंने उपराज्यपाल से इस मामले में अविलम्ब हस्तक्षेप की मांग की है ताकि मुस्लिम समुदाय के साथ न्याय हो सके । उन्होंने कहा कि बोर्ड का गठन इस तरह किया जाए ताकि मु्स्लिमों के कल्याण और उत्थान के लिए न्यायोचित तथा विवेकपूर्ण तरीके से काम किया जा सके । वक्फ अधिनियम 1995 तथा वक्फ (संशोधित) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों का गम्भीर उल्लंघन हो रहा है। भ्रष्टाचार से घिरे पूर्व अध्यक्ष को फिर अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के लिए सरकारी स्तर पर तेजी से कार्यवाही चल रही है । इसके साथ बोर्ड में अयोग्य सदस्यों को मनोनित किया जा रहा है । इससे बोर्ड के कार्यों का स्तर गिरेगा ।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अमानातुल्लाह खान को बोर्ड का सदस्य चुन लिया गया है । चुने हुए तीन सदस्यों में से ही बोर्ड के अध्यक्ष को नियुक्त किया जाता है । बाकी दो सदस्य वक्फ बोर्ड के प्रबन्धकों, बार काउंसिल सदस्यों तथा सांसदों में से चुने जाते हैं । अभी तक जो प्रथा रही है, उसके अनुसार चुना हुआ विधायक ही बोर्ड का अध्यक्ष बनता है । इसको देखते हुए यह निश्चित है कि वर्तमान स्थिति के अनुसार खान ही बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने नज़दीकी लगभग 22 रिश्तेदारों को बोर्ड में गलत तरीके से नियुक्तियां दी । ये नियुक्तियां निर्धारित प्रक्रिया को ताक पर रखकर की गई । उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र में गैर जिम्मेदाराना तरीके से विधवा पेंशन और अन्य लाभ वितरित किए । यह भी आरोप है कि उन्होंने नए किरायेदारों की रसीद काटने के लिए भारी भ्रष्टाचार किया । बोर्ड के लिए गलत तरीके से 27 लाख रुपये की खरीद की गई ।