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पंजाब के बाद अब राजस्थान की बारी! दिल्ली पहुंचे सचिन पायलट ने की राहुल-प्रियंका से मुलाकात

राजस्थान में बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच सचिन पायलट शुक्रवार को मंत्री रघु शर्मा के साथ दिल्ली...
पंजाब के बाद अब राजस्थान की बारी! दिल्ली पहुंचे सचिन पायलट  ने की राहुल-प्रियंका से मुलाकात

राजस्थान में बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच सचिन पायलट शुक्रवार को मंत्री रघु शर्मा के साथ दिल्ली पहुंचे। उन्होंने यहां राहुल गांधी के आवास पर जाकर मुलाकात की। इस दौरान पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी यहां मौजूद रहीं।  इस मुलाकात के साथ ही यह अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या पंजाब के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में भी बदलाव होगा।

सचिन पायलट से पहले राहुल गांधी ने राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से मुलाक़ात की। कहा जा रहा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में राजस्थान के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने के लिए पंजाब का रास्ता अपना सकती है और 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक नया चेहरा पेश कर सकती है।

सचिन पायलट ने गुरुवार को जयपुर में स्पीकर सीपी जोशी से भी मुलाकात की थी। यह दूसरा मौका है जब सचिन पायल्ट को दिल्ली बुलाया गया है। 17 सितंबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मैराथन मीटिंग की थी।

पंजाब की तरह राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने की मांग सचिन पायलट के समर्थक कर रहे हैं। यह किसी से छिपा नहीं है कि पंजाब की तरह राजस्थान कांग्रेस में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। 2018 विधानसभा चुनाव के बाद से सीएम अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच तल्खी बढ़ती चली गई है। कई बार इसे सार्वजनिक तौर पर भी देखा गया है।

पायलट समर्थकों कहना है कि राजस्थान में सरकार की कमान सचिन पायलट को सौंपी जाए।राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और पायलट के करीबी राजेंद्र चौधरी ने हाल ही में बयान दिया था कि सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि जनता चाहती है कि पायलट मुख्यमंत्री बने। हालांकि, गहलोत गुट भी पलटवार कर रहा है। गहलोत गुट  का कहना है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत नहीं है।

सचिन पायलट गुट के विधायकों को मंत्री बनाने की अटकलों के बाद भी कांग्रेस पार्टी पर से संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। मामलों को सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान के इशारे पर हाल ही में राजस्थान प्रभारी अजय माकन जयपुर पहुंचे थे और विधायकों से बात की थी।  जून के बाद से पायलट और उनके समर्थकों ने सार्वजनिक रूप से मांग की है कि उनके मुद्दों पर भी पार्टी ध्यान दे। 

बता दें कि पिछले साल जुलाई में, पायलट और 18 विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसके कारण 30 दिनों तक उथल-पुथल मची रही। दिल्ली में पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद एक समझौता फार्मूले के साथ विवाद  समाप्त हुआ था।

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