मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तारी और फिर जमानत पर रविवार को रिहा होले के बाद दयाशंकर सिंह ने कहा, मायावती चुनाव लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश में कोई भी सामान्य सीट चुन लें। मैं अपनी पत्नी को वहीं से चुनाव लड़ाऊंगा। उन्होंने मायावती पर चुनाव के टिकट बेचने का आरोप दोहराते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वह इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। सिंह ने कहा कि बसपा प्रमुख के खिलाफ एक आपत्तिजनक शब्द बोलने के लिए उन्होंने माफी मांगी और सजा के तौर पर उन्हें भाजपा से निकाल भी दिया गया लेकिन मायावती को इससे भी संतुष्टि नहीं मिली और उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया।
भाजपा के निष्कासित पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सिंह ने कहा कि उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया। ऐसी सरगर्मी से तलाशी की गई जैसे कि दाऊद इब्राहीम को ढूंढा जा रहा हो, जबकि उनसे भी बड़ा अपराध करने वाले बसपा नेता खुलेआम घूम रहे हैं। सिंह ने कहा कि मायावती के प्रति विवादित टिप्पणी का उनकी नाबालिग बेटी, बूढ़ी मां और पत्नी से कुछ लेना-देना नहीं था लेकिन इसके बावजूद मायावती के इशारे पर पूरी योजना से उनके सेनापति नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने उन्हें गाली दी। सिंह ने कहा, मेरी छोटी सी गलती पर इतनी सजा दी गई और बसपा वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह पर आरोप है कि गत 19 जुलाई को उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल किया था। इस मामले में उनके खिलाफ 20 जुलाई को लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवाद के मद्देनजर सिंह को भाजपा से छह साल के लिए निष्कासित भी कर दिया गया था। इस मामले में मायावती तथा सिद्दीकी समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। 25 जुलाई को सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद लखनऊ पुलिस और एसटीएफ ने उन्हें 29 जुलाई को बिहार के बक्सर जिले से गिरफ्तार किया था। वहीं मायावती पर टिप्पणी से नाराज बसपा कार्यकर्ताओं ने 21 जुलाई को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान सिंह की मां, पत्नी और बेटी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक नारे लगाए थे।