17वीं लोकसभा चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शानदार जीत के बाद उत्साह का माहौल है वहीं बाकी पार्टियां अपने निराशाजनक परिणामों से काफी दुखी नजर आ रही हैं लेकिन इन सभी चुनावी खबरों के बीच एक अच्छी खबर यह है कि पहली बार ऐसा हुआ है जब लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी संख्या में महिला प्रत्याशियों की जीत हुई है। इस चुनाव में कई तरह के रिकॉर्ड भी बन गए हैं जिन्हें इतिहास में याद किया जाएगा। जैसे कि नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता, एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें, तकरीबन डेढ़ दिन तक रुझान, बंगाल में बीजेपी और भगवा का प्रभाव आदि। मगर इन सब के बीच जो रिकॉर्ड सबसे यादगार रहा वो है सर्वाधिक 76 महिलाओं का संसद पहुंचना।
महिलाएं तो पहले भी संसद में जाती रही हैं लेकिन इस बार खास इसलिए है क्योंकि देश के दो अहम राज्यों ने भी अपनी आबादी और क्षेत्रफल से आगे बढ़कर ज्यादा महिलाओं को संसद भेजा। ये दो राज्य पश्चिम बंगाल और ओडिशा हैं। बंगाल में टीएमसी और ओडिशा में बीजेडी का राज है। बीजेडी ने 41 फीसदी और टीएमसी ने 33 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया। वहीं, बीजेपी और कांग्रेस ने भी महिलाओं को संसद पहुंचाया लेकिन टीएमसी और बीजेडी का नाम इसलिए अहम है क्योंकि बंगाल और ओडिशा से महिलाओं की भागीदारी इन पार्टियों के चलते बढ़ गई है। आइए, जानते हैं इन महिलाओं के नाम-
उत्तर प्रदेश से लोकसभा सीट जीतने वाली 10 महिलाओं में रायबरेली से कांग्रेस की सोनिया गांधी और इसके अलावा राज्य से 9 विजयी महिलाएं भाजपा की हैं।
- सोनिया गांधी (कांग्रेस)
- स्मृति ईरानी (अमेठी)
- रीता बहुगुणा जोशी (प्रयागराज)
- संघमित्रा मौर्य (बदायूं)
- रेखा वर्मा (घौरहरा)
- संगीता आजाद (लालगंज)
- हेमा मालिनी (मथुरा)
- केशरी देवी पटेल (फूलपुर)
- मेनका गांधी (सुल्तानपुर)
- साध्वी निरंजन ज्योति (फतेहपुर)
ओडिशा में जीत दर्ज करने वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) की 5 विजेता
- प्रमिला बिसोयी (आस्का)
- मंजुलता मंडल (भद्रक)
- राजश्री मलिक (जगतसिंहपुर)
- सर्मिष्ठा सेठी (जजपुर)
- चांदरानी मुरमु (केओनझार)
पश्चिम बंगाल में लोकसभा सीट जीतने वाली महिलाएं
- काकोली घोषदस्तिदार (बारासात)
- अपरूपा पोद्दार (आरामबाग)
- नुसरत जहां रूही (बशीरहाट)
- सताब्दी रॉय (बीरभूम)
- मिनी चक्रबॉर्ती (जादवपुर)
- प्रतिमा मंडल (जॉयनगर)
- माला रॉय (कोलकाता दक्षिण)
- महुआ मोइत्रा (क्रिश्नानगर)
- सजदा अहमद (उलुबेरिया)
आंध्र प्रदेश से लोकसभा सीट जीतने वाली महिलाएं
- गोड्डेति माधवी (अरुकु)
- चिंता अनुराधा (अमलापुरम)
- बी वी सत्यवथी (अनकापल्ली)
- वन्गा गीथा विस्वनाथ (काकिनाडा)
असम से जीतने वाली महिलाएं
- बोबीता शर्मा (गुवाहाटी)
- रम्या हरिदास (अलथुर)
- महबूबाबाद से कविथा मलोथु (टीआरएस)
उत्तराखंड की अकेली महिला
- टीरी गढ़वाल से माला राज्यलक्ष्मी शाह
हरियाणा
- हरियाणा में 10 सीटों में सिरसा सीट से भाजपा की सुनीता दुग्गल ने जीत दर्ज कर ली है।
मेघालय
- मेघालय से अगाथा संगमा और त्रिपुरा वेस्ट से भाजपा की प्रतिमा भौमिक ने लोकसभा सीट जीत ली है।
कर्नाटक लोकसभा में जीत दर्ज करने वाली महिलाएं
- शोभा करंडलाजे (चिकमंगलूर)
- अंबरीश सुमनलता (निर्दलीय)
झारखंड लोकसभा से सीट जीतने वाली महिलाएं
- अन्नपूर्णा देवी (कोडरमा)
- गीता कोरा (सिंहभूम)
पंजाब लोकसभा से सीट जीतने वाली महिलाएं
- हरसिमरत कौर (बठिंडा)
- प्रिनीत कौर (पटियाला)
तमिलनाडु से लोकसभा सीट जीतने वाली महिलाएं
- जोथिमनि एस (करुर)
- सुमथि (चेन्नई साउथ)
- कनिमोई (तूतीकोरिन)
राजस्थान से विजेता बनी महिला प्रत्याशी
- रंजीता कोली (भरतपुर)
- जसकौर मीना (दौसा)
- दिया कुमारी (राजसमंद)
छत्तीसगढ़ से लोकसभा सीट जीतने वाली महिलाएं
- ज्योत्सना चरनदास महंत (कोरबा)
- गोमती साई (रायगढ़)
- रेणुका सिंह (सरगुजा)
बिहार से लोकसभा सीट जीतने वाली महिलाएं
- मिशा भारती (पाटलीपुत्र)
- रामा देवी (शेओहर)
- कविता सिंह (सिवान)
- वीणा देवी (वैशाली)
मध्य प्रदेश में लोकसभा सीट जीतने वाली महिलाएं
- संध्या राय (भिंड)
- साध्वी प्रज्ञा सिंह (भोपाल)
- हिमाद्री सिंह (शहडोल)
- रीति पाठक (सीधी)
गुजरात से लोकसभा सीट जीतने वाली महिलाएं
- भारती शियाल (भावनगर)
- पूनमबेन मादम (जामनगर)
- शारदाबेन पटेल (मेहसाणा)
- दर्शना जरदोश (सूरत)
- रंजनाबेन भट्ट (वडोदरा)
महाराष्ट्र में लोकसभा सीट जीतने वाली महिलाएं
- सुप्रिया सुले (बारामती)
- डॉ. भारती प्रवीण पवार (डिंडोरी)
- पूनम महाजन (मुंबई नॉर्थ सेंट्रल)
- डॉ. हीना विजयकुमार गवित (नंदुरबार)
- रक्षा खड़से (रावेर)
1977 में सबसे कम 19 महिलाओं ने जीता था चुनाव
देश में पहले लोकसभा चुनाव से ही महिलाएं ने राजनीति में भाग लेना शुरू कर दिया था, वक्त के साथ-साथ इस तादाद में बढ़ोत्तरी होती गई। पहली लोकसभा में 22 महिलाएं चुनकर आईं थीं, 1977 में ये आंकड़ा सबसे कम रहा, 1977 में केवल 19 महिलाएं ही चुनाव जीतीं थीं। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं की संख्या बढ़कर 11 प्रतिशत तक पहुंची। इस चुनाव में 62 महिलाएं जीतीं जबकि इस बार 2019 में सर्वाधिक 76 महिलाएं निर्वाचित हुई हैं। इस प्रकार देश में पहली लोकसभा से लेकर अब तक 19 महिला सांसदों से बढ़कर आंकड़ा 76 तक पहुंचा है।
17वीं लोकसभा चुनाव में एनडीए को 2014 की तुलना में मिली अधिक सीटें
2019 के लोकसभा चुनाव की 2014 के चुनाव से तुलना करें तो एनडीए की सीटें 336 से बढ़कर 352 हो गई। इस तरह उसे 16 सीटों का फायदा हो रहा है। एनडीए के सबसे बड़े घटक दल भाजपा को 21 ज्यादा सीटें मिली हैं। उसे कुल 303 सीटें मिल रही हैं। पिछली बार उसे 282 सीटें मिली थीं। भाजपा के सहयोगी दलों में शिव सेना को 22 और जनता दल युनाइटेड को 18 सीटों पर सफलता मिली है।
यूपीए की सीटें बढ़कर 96 हुई
यूपीए की सीटें 60 से बढ़कर 96 हो गईं। उसे 36 सीटों को फायदा हुआ। कांग्रेस की सीटें 44 से बढ़कर 52 हो गईं। उसे आठ सीटें ज्यादा मिलीं हैं। इसके बावजूद वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद का दावा नहीं कर सकेगी क्योंकि उसके लिए उसकी सीटें कम रह गईं। नेता प्रतिपक्ष का पद पाने के लिए विपक्षी दल को कम से कम दस फीसदी सीटें मिलनी चाहिए।