कांग्रेस के लिए मंगलवार को तब खुशी गम में बदल गई, जब हरियाणा के नतीजों ने एकाएक पूरे देश को चौंका दिया। बता दें कि आज सुबह कांग्रेस मुख्यालय में जश्न का माहौल दोपहर तक गमगीन हो गया, क्योंकि हरियाणा विधानसभा चुनाव के रुझान से पता चला कि पार्टी करारी हार की ओर बढ़ रही है।
मतगणना शुरू होने के साथ ही शुरुआती रुझानों से पता चला कि कांग्रेस हरियाणा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने की राह पर है, जैसा कि एग्जिट पोल ने भी भविष्यवाणी की थी। इस बीच पार्टी कार्यकर्ता यहां 24, अकबर रोड स्थित एआईसीसी मुख्यालय में पटाखे फोड़ते और जलेबी तथा लड्डू बांटते नजर आए। सुबह करीब नौ बजे जब रुझानों में यह दिखा कि पार्टी आगे चल रही है, तो पार्टी मुख्यालय में ढोल-नगाड़े गूंजने लगे।
हालांकि, सुबह 10 बजे के बाद जब रुझान में भाजपा ने वापसी की तो मुख्यालय में उदासी छा गई और ढोल व मिठाइयां गायब हो गईं। कांग्रेस के नेता मुख्यालय में जगह-जगह मीडिया को बाइट देते नजर आए और तर्क दिया कि दोपहर एक बजे तक रुझान बदल जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस कैंटीन में हमेशा की तरह चहल-पहल थी, लेकिन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के चेहरों पर निराशा साफ झलक रही थी।
एक कैंटीन कर्मचारी ने दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने 'पकौड़ी' और 'पूरी' जैसे विशेष व्यंजन तैयार किए थे, लेकिन हरियाणा चुनाव के कारण उन्हें लेने वाला कोई नहीं था।
इसके बाद, जल्द ही कांग्रेस मुख्यालय में सन्नाटा छा गया और केवल मीडियाकर्मी और कुछ पार्टी नेता ही इधर-उधर घूम रहे थे। कुछ पार्टी कार्यकर्ता हार के लिए ईवीएम को दोषी ठहराते सुने गए, कुछ ने टिकट वितरण को दोषी ठहराया जबकि अन्य आसन्न 'आश्चर्यजनक हार' से परेशान थे।
एक पार्टी कार्यकर्ता ने कहा, "जो कुछ हुआ है, हम उस पर विश्वास नहीं कर सकते। जमीनी स्तर पर बहुत अधिक सत्ता विरोधी भावना थी। यह बहुत ही आश्चर्यजनक परिणाम है।"
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है, जिसमें कांग्रेस और भाजपा के लिए मिश्रित परिणाम सामने आए हैं - भगवा पार्टी जम्मू-कश्मीर में हार की ओर बढ़ रही है, लेकिन हरियाणा में कांटे की टक्कर वाले मुकाबले में वह सुबह के रुझानों को दरकिनार करते हुए कांग्रेस से आगे निकल गई है।
यदि रुझान जारी रहे तो कांग्रेस को इस राज्य में हार का सामना करना पड़ सकता है, जबकि केंद्र शासित प्रदेश में उसे 'दूसरे सहयोगी' की जीत से संतोष करना पड़ सकता है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रुझानों के अनुसार, दोपहर 2 बजे तक सत्तारूढ़ भाजपा ने हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया था और 47 सीटों पर आगे चल रही थी या जीत चुकी थी, जबकि कांग्रेस 38 सीटों पर आगे चल रही थी या जीत चुकी थी। याद दिला दें कि कई एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की थी।
जम्मू-कश्मीर में जो परिणाम उत्साहवर्धक थे, वे कांग्रेस के लिए निराशाजनक मोड़ की ओर अग्रसर होते दिख रहे थे, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ उसका गठबंधन बहुमत के लिए तैयार दिख रहा था, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली पार्टी केवल छह सीटों पर आगे चल रही थी या जीत दर्ज कर पाई थी।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष हरियाणा चुनाव के नतीजों को आयोग की वेबसाइट पर अपडेट करने में "अस्पष्ट देरी" का मुद्दा भी उठाया और आयोग से आग्रह किया कि वह अधिकारियों को सटीक आंकड़े अपडेट करने का निर्देश दे ताकि "झूठी खबरों और दुर्भावनापूर्ण बयानों" का तुरंत मुकाबला किया जा सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को लिखे पत्र में कांग्रेस महासचिव (प्रभारी, संचार) जयराम रमेश ने कहा कि सुबह 9 से 11 बजे के बीच सूचनाओं के अद्यतन में "अस्पष्ट धीमी गति" रही।