कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद खाली हुई लोकसभा की दो सीटों को लेकर रहस्य गहराता जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल ने रविवार को लोकसभा सचिवालय से सवाल किया है कि लोकसभा की वेबसाइट पर खाली सीटों की सही संख्या क्यों नहीं दिखाई जा रही है। उन्होंने ट्वीट किया है कि हफ्ते भर से ज्यादा हो गया कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए भाजपा के दो सांसदों (येदियुरप्पा और श्रीरामुलु) ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे तुरंत स्वीकार कर लिए गए थे। लेकिन लोकसभा की वेबसाइट अभी भी खाली सीटों की सही संख्या नहीं दिखा रही है। क्या सचिवालय स्थिति स्पष्ट करेगा?
It’s been over a week since 2 BJP MP’s resigned from their Lok Sabha membership to take part in K’taka assembly proceedings
Their resignation was accepted instantly but Lok Sabha website still doesn’t reflect correct number of vacancies. Can Secretariat clarify what is status?
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) May 27, 2018
गौरतलब है कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने येदियुरप्पा और श्रीरामुलु का इस्तीफा करीब दस दिन पहले स्वीकार कर लिया था। येदियुरप्पा शिमोगा और श्रीरामुलु बेल्लारी से आते हैं। दोनों नेताओं ने कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले अपना इस्तीफा सुमित्रा महाजन को भेजा था। इससे लोकसभा में भाजपा का आंकड़ा बहुमत से कम 271 रह गया था।
लेकिन विश्वास मत से पहले ही येदियुरप्पा के सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद लोकसभा में भाजपा की संख्या को लेकर संशय पैदा हो गया है। अहमद पटेल ने एक अन्य ट्वीट में 27 मई को दिन के 12 बजे लोकसभा की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट दिया है। वेबसाइट पर जो पांच सीटें खाली दिखाई गई हैं उनमें अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर), भंडारा-गोंदिया (महाराष्ट्र), कैराना (उत्तर प्रदेश), नगालैंड और पालघर सीट के नाम हैं, लेकिन 17 मई को जिन दो भाजपा सांसदों के इस्तीफे स्वीकार किये गए थे, उनका जिक्र नहीं है।
यानी, दोनों के इस्तीफों के बावजूद उनकी सीटें खाली नहीं दिखाई जा रही हैं।
This is the list of vacant constituencies on the Lok Sabha website as on 12 pm 27th May, 2018 & it doesn’t reflect resignations of 2 BJP MP’s which was accepted on 17th May, 2018 pic.twitter.com/zlrWKXfKWl
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) May 27, 2018
लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद येदियुरप्पा और श्रीरामुलु ने कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता की शपथ ले ली थी। और जब यह साफ हो गया कि राज्य में भाजपा की सरकार नहीं बनेगी तो क्या उनका नाम फिर सांसद के रूप में बहाल कर दिया गया? इसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।
अगर येदियुरप्पा और श्रीरामुलु का इस्तीफा स्वीकार मान लिया जाता है तो भाजपा का लोकसभा से अकेले बहुमत खत्म हो जाएगा क्योंकि उसके सदस्यों की संख्या 271 रह जाएगी। शायद इस स्थिति से बचने के लिए भाजपा दोनों की सदस्यता बहाल रखना चाहती है।