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अखिलेश यादव ने BJP की भाषा पर उठाया सवाल, कहा- फ्रस्ट्रेट लोग कर रहे गलत भाषा का प्रयोग

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भाषा पर सवाल...
अखिलेश यादव ने BJP की भाषा पर उठाया सवाल, कहा- फ्रस्ट्रेट लोग कर रहे गलत भाषा का प्रयोग

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भाषा पर सवाल उठाएं हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग संस्कृति और समाज का डंका पीटते हैं उनकी भाषा देखिए। बीएसपी की नेता आदरणीय मायावती जी के लिए जिस स्तर की घटिया भाषा का इस्तेमाल किया, वह गलत है।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा के पास काम का कोई ब्यौरा नहीं है इसलिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस बार चुनाव में जनता उन्हें जवाब देने के लिए तैयार बैठी है।

भाजपा की भाषा पर उठाया सवाल

 

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने आज लखनऊ में पार्टी की छात्र इकाई के पदाधिकारियों से भेंट करने के बाद मीडिया को संबोधित किया अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती जी के लिए जो लोग अपशब्द कह रहे हैं वो फ्रस्टेट हो गए हैं। उनकी आंखों के सामने अंधेरा छाया है। अपने काम ना बता कर दूसरी तरफ चुनाव ले जाना चाहते हैं। अभी इनकी भाषा और गिरेगी। सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे लोगों की भाषा भी ऐसी ही है। उन्होंने कहा कि नया भारत बनाने का काम ये नौजवान करेंगे जो सपना देखते हैं, संघर्ष करते हैं। सबसे शानदार युवाओं का संगठन समाजवादी पार्टी में है।

'ठोको नीति से नहीं आता इंवेस्टमेंट'

अखिलेश यादव ने कहा, सुना है कि भारत का डंका दुनिया मे बज रहा है। बीजेपी ने इतनी बड़ी इन्वेस्टर्स मीट कराई। कोई फायदा नहीं हुआ। इस मीट पर भी मंच पर वही लोग बैठे नजर आए जो हर जगह ऐसे मंच पर नजर आते हैं। इंवेस्टर्स मीट हुई पर इंवेस्टमेंट नहीं हुआ। उन्होंने योगी के ठोको नीति के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि योगी की ठोको नीति यहां नहीं चली। उन्होंने कहा कि भुखमरी के आंकड़े देखिए भारत की गिनती उसमें हैं। सबसे ज्यादा बेरोजगार, स्वास्थ्य की बुरी हालत पर भारत आगे है।  

'सबसे ज्यादा झूठी पार्टी बीजेपी'

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज तक राजनीति में किसी ने इतना झूठ नहीं बोला जितना बीजेपी बोलती है। उनकी राजनीतिक भाषा और व्यवहार कैसा है जनता ने साढ़े चार साल में देख लिया है। हमें पता है कि जनता, किसान और व्यापारी तैयार है, जिन्हें बीजेपी ने धोखा दिया है।

मुझे उम्मीद है कि प्रवासी कुछ इन्वेस्ट करेंगे, कुम्भ देखकर मन बदलेगा। उन्हें भरोसा दिलाना होगा। ठोको नीति से उनका भरोसा नहीं जीता जा सकेगा। जहां तक गठबंधन के नेता का सवाल है, नेतृत्व जनता अपने आप तय कर लेती है। नया पीएम होगा ये तय है ।

साधु-सन्तों, 'राम-सीता और रावण' को भी पेंशन दें योगी

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है। अखिलेश ने कहा है कि योगी सरकार साधु-संतों को भी पेंशन दे। उन्होंने कहा कि हमने तो रामलीला के पात्रों को पेंशन देने की स्कीम शुरू की थी। सीएम योगी भी राम और सीता को पेंशन दें और राम-सीता से बचे तो रावण को भी पेंशन दें। अखिलेश ने इस दौरान कहा, 'साधु-संतों को कम से कम 20 हजार महीने पेंशन मिले और यश भारती और समाजवादी पेंशन भी शुरू हो जाए। रामायण पाठ और रामलीला वालों को भी पेंशन मिले।'

'अकबर का किला दान दे केंद्र'

अखिलेश ने कहा कि कुंभ दान का पर्व माना जाता है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह प्रयागराज का अकबर किला यूपी सरकार को दान दे ताकि सरस्वती कुंभ लोगों के लिए हमेशा के लिए खुल जाए। सेना को जगह चाहिए तो उसे चंबल में खाली पड़ी जगह पर भेज दें। एसपी अध्यक्ष ने कानपुर के उद्योग का जिक्र करते हुए कहा कि टेनरियों के बन्द होने से कारोबार और रोजगार पर असर पड़ा है। कानपुर की पहचान चमड़े के काम से भी है उसे खत्म नहीं किया जा सकता।

साधु-सन्तों, 'राम-सीता और रावण' को भी पेंशन दें योगी

उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से साधु-सन्तों को पेंशन दिए जाने के सवाल पर कहा कि साधु-सन्तों को 20 हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलनी चाहिए। रामलीला में कार्य करने वालों को भी पेंशन मिलनी चाहिए और अगर सरकार के खजाने में पैसा बच जाए तो रावण को भी पेंशन मिलनी चाहिए।

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