अलवर की घटना का मुद्दा कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री ने उठाया और इसके बारे में विपक्ष और सरकार के विरोधाभासी बयानों के बीच कुरियन ने कहा कि आसन के समक्ष यह स्पष्ट होना चाहिए कि मिस्त्री द्वारा उठाया गया मुद्दा सही है या नहीं।
मिस्त्री ने शून्यकाल में राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के अलवर में गौरक्षकों के गिरोह ने मवेशी ले जा रहे एक ट्रक को रोका और उनसे पूछताछ की। उन्हें पता चला कि ट्रक चालक हिंदू है तो उन्होंने उसे जाने दिया और फिर बाकी लोगों को कथित तौर पर बुरी तरह पीटा।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश में भी हुई हैं और इन सभी राज्यों में भाजपा की सरकार है।
मिस्त्री की बात का जहां विपक्षी दलों ने समर्थन किया वहीं सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने इस पर विरोध जताया। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई भी गिरोह इस तरह कानून को अपने हाथ में ले और पुलिस कुछ न करे।
उन्होंने सरकार पर संविधान के दायित्वों को पूरा न करने का आरोप लगाया जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया।
इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है लेकिन हकीकत में ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं थी।
नकवी ने यह भी कहा कि यह संदेश बिल्कुल नहीं जाना चाहिए कि सदन गौहत्या का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि जिस मीडिया खबर की बात की जा रही है उसे राज्य सरकार ने भी नकारा है। हम अराजकता को उचित नहीं ठहराते।
इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा मैं यह कहने के लिए माफी चाहूंगा कि मंत्री को गलत जानकारी दी गई है।
उन्होंने कहा कि न्यूयार्क टाइम्स ने भी इस घटना की खबर दी है। भारतीय मीडिया में इसकी खबर है। फिर मंत्री को कैसे इसके बारे में मालूम नहीं है। मैं नहीं जानता था कि यह सरकार इस हद तक असंवेदनशील है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के विरोधाभासी बयानों और हंगामे के बीच कुरियन ने कहा कि वह अखबार की खबरों पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मंत्री के मुताबिक ऐसी कोई घटना नहीं हुई। घटना के बारे में दो अलग अलग बातें कही जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो यह अत्यंत गंभीर मामला है और जैसा कि सदन में कहा जा रहा है कि घटना नहीं हुई, तो भी यह गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा मैं सरकार से कहता हूं कि गृह मंत्रालय को जांच करना चाहिए और तथ्यों से सदन को अवगत कराना चाहिए। भाषा