हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि ओच्छी भाषा का इस्तेमाल किसी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। इस प्रकार की मानसिकता संस्कारों के साथ जुड़ी है। एक मुख्यमंत्री को दूसरे मुख्यमंत्री के बारे में ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।ऐसी भाषा पर मुझे प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है। सोशल मीडिया के माध्यम से जनता पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा की निंदा कर रही है। ऐसा व्यवहार करना मेरे संस्कार में नहीं है।
पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह के बाद सीएम खट्टर आज यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे । उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर हम सभी को अपनी-अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिए लेकिन हैरानी है कि ऐसे समय में पंजाब सरकार ने गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का प्रदर्शन कर इस प्रकार की स्थिति पैदा की। यदि कोरोना को लेकर कोई भंयकर स्थिति बनती है तो इसके लिए पंजाब सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एकदम झूठ है कि उन्होंने बातचीत का प्रयास नहीं किया। किस-किस समय पर उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से बातचीत को लेकर प्रयास किए थे, यह रिकॉर्ड दे दिया गया है। वर्तमान आंदोलन पंजाब कॉग्रेंस द्वारा पूरी तरह से प्रायोजित है। कोरोना की महामारी भंयकर स्वरूप न ले, इसलिए आंदोलन को लेकर सरकार द्वारा एहतियातन कदम उठाए गए थे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने आंदोलनकारियों से बातचीत करने को कहा है। जैसे ही सभी बुराड़ी के मैदान में आ जाएंगे, उनसे बातचीत कर समाधान निकाला जाएगा।
आगामी पंचायती राज चुनावों के बारे में उन्होंने कहा कि सीधे चुनावों वाले पदों पर यदि सर्वसम्मति से कोई चुनाव होता है तो हरियाणा सरकार संबंधित क्षेत्र को विकास कार्यों के लिए विशेष ग्रांट देने की योजना पर विचार कर रही है। संभवत चुनाव से पहले इसकी घोषणा कर दी जाएगी।