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क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों का कमाल, केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री मोदी को दिया श्रेय

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटी बॉम्बे) के विश्व के...
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों का कमाल, केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री मोदी को दिया श्रेय

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटी बॉम्बे) के विश्व के शीर्ष 150 विश्विद्यालयों में स्थान हासिल करने के बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को सराहा है। उन्होंने भारतीय विश्विद्यालयों के प्रदर्शन और देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।

बता दें कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के अनुसार, आईआईटी बॉम्बे ने भारत में पहला स्थान पाया है, जबकि 100 में से 51.7 अंक अर्जित करते हुए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में विगत वर्ष प्राप्त 177वें स्थान से 149वें स्थान तक छलांग लगाई है। यह पहली बार है जब विश्वविद्यालय ने विश्व के 150 टॉप विश्वविद्यालयों में जगह बनाई है। क्यूएस के संस्थापक और सीईओ, नुंजियो क्वाक्वारेली ने बताया कि इस साल कुल 2900 विश्वविद्यालयों को रैंकिंग की प्रक्रिया में शामिल किया गया था, जिसमें 45 भारतीय विश्वविद्यालय थे।

इसपर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "इस बार क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 45 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल रहे, पिछली बार यह आंकड़ा 41 रहा था। यह पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न का ही नतीजा है। प्रधानमंत्री मोदी का शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने का संकल्प, राष्ट्रीय शिक्षा नीति...यही कुछ कारण हैं, जिनकी वजह से आज हमारा प्रदर्शन अच्छा हुआ है।"

उन्होंने कहा, "एशिया में, भारतीय विश्विद्यालयों को नियोक्ताओं द्वारा सर्वश्रेष्ठ कहा जाता है। यह देश के लिए बढ़िया संकेत हैं। प्रधानमंत्री जी का मानना है कि भविष्य के भारत की रचना युवा भारतीयों द्वारा ही की जाएगी। हमारा ध्यान भारत की शिक्षा को बेहतर करने, विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने और युवाओं को अधिक काबिल बनाने पर है।"

"चंडीगढ़ विश्वविद्यालय सहित अन्य संस्थानों/विश्वविद्यालयों का रैंकिंग में आगे आना दिखाता है कि हम श्रेष्ठ बनने की राह पर अग्रसर हैं। अगर भारत में युवाओं को विश्व स्तरीय शिक्षा व्यवस्था अथवा विश्वविद्यालय मिलेंगे तो वे भला देश से बाहर जाने की योजना क्यों बनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी के विज़न ने वाकई भारत की शिक्षा प्रणाली को परिवर्तित करने का काम किया है।"

गौरतलब है कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, विश्वविद्यालय रैंकिंग का एक वार्षिक प्रकाशन है, जिसमें वैश्विक समग्र और विषय रैंकिंग शामिल होती हैं। इससे पहले, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु ने 2016 में 147वीं रैंकिंग के साथ अपनी सर्वोच्च रैंक हासिल की थी।

भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए, क्यूएस प्रमुख ने कहा, "मुझे खुशी है कि हम क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का 20वां संस्करण प्रकाशित कर रहे हैं। मैं भारतीय विश्वविद्यालयों को उनके सुधरे हुए प्रदर्शन हेतु बधाई देता हूं। हमने 2900 विश्वविद्यालयों को रैंक किया था, जिसमें 45 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल रहे। पिछले नौ वर्षों में यह 297% की वृद्धि है।"

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