भाजपा सूत्रों के मुताबिक टिकट की घोषणा के साथ ही भाजपा के कई नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। आरा से सांसद और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि पैसे लेकर टिकट बांटा गया है। उसके बाद भाजपा के ही एक अन्य विधायक ने भी पार्टी नेताओं पर पैसे लेकर टिकट बांटे जाने का आरोप लगाया। इन सब आरोपों के मद्देनजर अमित शाह ने निर्णय लिया कि वह पटना में बैठकर पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श करेंगे और जो मतभेद है उसे दूर करेंगे। सूत्रों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष असंतुष्ट नेताओं को इस बात का भी आश्वासन दे सकते हैं कि उन्हें संगठन में या फिर सरकार बनने पर महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है।
चुनाव प्रबंधन के माहिर माने जाने वाले अमित शाह के लिए बिहार विधानसभा चुनाव बड़ी चुनौती है। सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से विरोध के स्वर उठे उससे पार्टी अध्यक्ष की चिंता बढ़ गई। बताया जा रहा है कि शाह पार्टी के असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात के अलावा प्रचार के तौर-तरीकों पर भी चर्चा करेंगे साथ ही इस बात पर भी नजर रखेंगे कि असंतुष्ट नेताओं की खबरें मीडिया में न आने पाए। सूत्रों के मुताबिक असंतुष्ट नेताओं को समझाने के लिए भाजपा अध्यक्ष के अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान,जेपी नड्डा, पार्टी महासचिव और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव को लगाया गया है। जो छोटे-बड़े सभी नेताओं से बात करके फीड बैक लेंगे और पार्टी अध्यक्ष को अवगत कराएंगे। शाह बिहार प्रवास के दौरान कई रैलियों और कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे।