युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सुप्रीमो वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर जिला परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (जेडपीटीसी) के उपचुनाव के प्रचार अभियान के दौरान कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला विधानसभा क्षेत्र में ‘‘राजनीतिक हिंसा भड़काने’’ का आरोप लगाया।
कडप्पा जिले के नलगोंडावरिपल्ली गांव में उस समय तनाव पैदा हो गया था जब तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान वाईएसआरसीपी के विधान परिषद सदस्य रमेश यादव के काफिले पर कथित तौर पर पथराव किया जिससे उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
रेड्डी ने बुधवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नायडू पुलिवेंदुला जेडपीटीसी उपचुनाव के दौरान सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और हिंसा भड़का रहे हैं। वह उपचुनाव जीतने के लिए पुलिस तंत्र का दुरुपयोग कर रहे हैं और उपद्रव की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं।’’
जेडपीटीसी सदस्य सी महेश्वर रेड्डी के दो साल पहले हुए निधन के बाद यह उपचुनाव जरूरी हो गया था। उन्हें इस पद पर निर्विरोध चुना गया था।
विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि तेदेपा कार्यकर्ताओं ने रमेश यादव और वेमुला मंडल पार्टी प्रभारी वी रामलिंगा रेड्डी पर नलगोंडावरिपल्ली के पास हमला किया जिससे वे घायल हो गए और उनके वाहन को नुकसान पहुंचा जबकि बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद ‘‘पुलिस निष्क्रिय बनी रही।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 से अधिक वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई है जबकि तेदेपा समर्थक खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस स्पष्ट रूप से नायडू के राजनीतिक निर्देशों के तहत काम कर रही है।
रेड्डी ने इन कथित हिंसक घटनाओं में पुलिस कार्रवाई के अभाव पर सवाल उठाया और क्षेत्रीय डीआईजी (उप महानिरीक्षक) के. प्रवीण पर सत्तारूढ़ तेदेपा का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि वाई एस भास्कर रेड्डी और कडप्पा से सांसद अविनाश रेड्डी के सहयोगियों सहित कई वरिष्ठ वाईएसआरसीपी नेताओं के खिलाफ ‘‘मनगढ़ंत’’ मामले दर्ज किए गए हैं।
विपक्षी दल के अनुसार, ये हमले उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद की गई उस सुनियोजित राजनीतिक साजिश का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में वाईएसआरसीपी के प्रचार अभियान को ठप करना और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों को खुली छूट देना है।
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘पुलिवेंदुला में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। यह एक खतरनाक मिसाल है। मैं इस मामले को राज्यपाल के पास लेकर जाऊंगा।’’ उन्होंने पुलिस पर ‘‘एक दलबदलू को झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर’’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के गृह निर्वाचन क्षेत्र में लोकतांत्रिक गतिविधियों को दबाने के लिए हिंसा को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिवेंदुला के लोग इन घटनाक्रम को देख रहे हैं और वे आगामी चुनावों में तेदेपा की ‘‘उपद्रव की राजनीति’’ का करारा जवाब देंगे।
मंडल परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (एमपीटीसी), जिला परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (जेडपीटीसी) और ग्राम पंचायतों के चुनाव 10 और 12 अगस्त को होने हैं। सत्तारूढ़ तेदेपा ने इन आरोपों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।