गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने आज कांग्रेस एवं भाजपा को ‘धन से सत्ता एवं सत्ता से धन’ कमाने वाली पार्टियां करार देते हुए कहा कि देश की जनता जागरूक नहीं है और देश का लोकतंत्र लगातार खतरे में है।
हरियाणा के भिवानी में आयोजित एक एक कार्यक्रम में हजारे ने आरोप लगाया कि लोकसभा एवं राज्यसभा में विधेयक बिना चर्चा के पास हो रहे हैं। बिना चर्चा के विधेयक पास होना लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने एक बार फिर किसानों एवं जवानों की लड़ाई के लिए मार्च में दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन शुरु करने की बात कही।
हजारे ने कहा कि चार साल पहले जनता के दबाव में लोकपाल सहित 7 कानून पास हुए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एक तरफ तो भ्रष्टाचार खत्म करने का प्रचार करती है। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों व नेताओं के लिए कानून कमजोर किए जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि आज बिना चर्चा के लोकसभा एवं राज्यसभा में लोकपाल को कमजोर करने के विधेयक पास हो रहे हैं। अन्ना ने आरोप लगाया कि आज केन्द्र सरकार जिस दिशा में जा रही है उससे लोकतंत्र की बजाय हुकुमतंत्र को बढावा मिल रहा है। केन्द्र सरकार आश्वासन ज्यादा देती है और काम कम करती है। उन्होने आरोप लगाया कि सरकार के खाने व दिखाने के दांत अलग-अलग हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा एवं कांग्रेस दोनों पार्टियां ‘पैसे से सत्ता एवं सत्ता से पैसे’ कमाने वाली पार्टियां हैं। अन्ना ने कहा कि पाकिस्तान से लङाई समाधान नहीं, लेकिन पाक नहीं मानता तो रोज-रोज शहीद हो रहे सैनिकों एवं अधिकारियों को बचाने के लिए एक बार आर-पार की लड़ाई हो ही जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि 30 दिनों में काला धन लाने के नाम पर भाजपा ने केन्द्र में सरकार बनाई, लेकिन सरकार नहीं बताती कि कितना कालाधन आया।