उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, मैं फिर ऐतिहासिक भूल नहीं करूंगा। वह काल बीत गया। सपने में भी मैं केरल की राजनीति में वापस लौटने की योजना नहीं पाल रहा हूं। पूर्व रक्षा मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि यदि आगामी विधानसभा चुनाव के पश्चात संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा सत्ता में लौटता है तो क्या वह राज्य की राजनीति में लौटने और मुख्यमंत्री की कमान संभालने को इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, बारह साल पहले मैं मुख्यमंत्री था। हर व्यक्ति का समय होता है। तीन बार मुख्यमंत्री रहे एंटनी के सभी कार्यकाल समय से पहले ही खत्म हो गये थे। वह 37 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने थे और वह अप्रैल, 1977 से अक्तूबर, 1978 तक इस पद पर रहे। दूसरी बाद वह 1995 से 1996 तक मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2001 में चुनाव जीतकर कांग्रेस नीत यूडीएफ के सत्ता में आने के बाद एंटनी ने राज्य की कमान संभाली लेकिन तीन साल बाद जब तत्कालीन लोकसभा चुनाव में मोर्चा को भारी शिकस्त मिली तब उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा और ओमान चांडी ने उनका स्थान लिया।
एंटनी बोले, फिर मुख्यमंत्री बनने की ऐतिहासिक भूल नहीं करूंगा
अतीत में तीन बार केरल के मुख्यमंत्री के रूप में कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए के एंटनी ने कहा कि वह एक बार फिर राज्य का मुख्यमंत्री बनने की ऐतिहासिक भूल नहीं करेंगे।
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