अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने प्रदेश में लागू संविधान के विशेष प्रावधान अनुच्छेद -371एच को खत्म करने की आशंका को शांत करने का गुरुवार को प्रयास किया। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य राज्य के पिछड़े जिलों को विकास है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर संबोधित करते हुए खांडू ने कहा कि अनुच्छेद-371 के प्रावधान अरुणाचल समेत कुछ राज्यों के ‘आर्थिक और सांस्कृतिक हित को संरक्षित’ करने के लिए हैं।
‘अनुच्छेद-371 के प्रावधान समावेशी जबकि अनुच्छेद-370 विभाजनकारी’
जम्मू-कश्मीर पर लिए साहसिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री खांडू ने कहा, ‘‘अनुच्छेद-371 के प्रावधान समावेशी प्रकृति के हैं, जबकि अनुच्छेद-370 प्राथमिक तौर पर विभाजनकारी है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर के समावेशी विकास के लिए यह पहला कदम उठाया है।’’ उन्होंने ईटानगर के इंदिरा गांधी पार्क में ध्वाजारोहण के बाद कहा, ‘‘मैं अपने राज्य के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि अनुच्छेद-371एच के प्रावधान लागू रहेंगे और विशेष तौर पर संसद में केंद्र ने यही भरोसा दिया है।’’
क्या है अनुच्छेद-371?
अनुच्छेद-371 एच अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल को विशेष जिम्मेदारी के साथ राज्य में कानून और व्यवस्था के मामले में कार्य करने की शक्ति देता है।
क्यों देना पड़ा सीएम को यह बयान?
दरअसल, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय के बाद पूर्वोत्तर की पार्टियों और संगठन इस बात को लेकर आशंकित है कि उनके राज्य को मिले विशेष दर्जे को भी हटाया जा सकता है। बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी साफ किया है कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है।