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अशोक गहलोत ने सीएम पद को लेकर दिया बड़ा बयान, सोनिया गांधी के निर्णय को याद किया

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के...
अशोक गहलोत ने सीएम पद को लेकर दिया बड़ा बयान, सोनिया गांधी के निर्णय को याद किया

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के रिश्तों पर हर किसी की नज़र है। इस बीच गहलोत ने गुरुवार को कहा कि वह राज्य का शीर्ष पद छोड़ना चाहते हैं लेकिन यह पद उन्हें नहीं छोड़ रहा है और संभवत: छोड़ेगा भी नहीं। 

राजस्थान के सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने दिल्ली में कहा, ''सोनिया गांधी जी के (कांग्रेस) बनने के बाद, उन्होंने पहला निर्णय मुझे मुख्यमंत्री बनाने का लिया। मैं सीएम उम्मीदवार नहीं था, लेकिन उन्होंने मुझे सीएम के रूप में चुना। मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और यह मुझे छोड़ेगा भी नहीं।"

 

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनमें कुछ तो बात होगी कि पार्टी आलाकमान ने उन्हें तीन बार राज्य का नेतृत्व करने के लिए चुना है लेकिन आगे से नेतृत्व जो भी फैसला लेगा वह सभी को स्वीकार्य होगा।

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, ''जब राजस्थान और राजस्थान की जनता को आपकी जरूरत थी और जब आपको जिम्मेदारी दी गई तो आपकी पार्टी में खींचतान चल रही थी। साढ़े चार साल तक कांग्रेस में खींचतान चलती रही। आपने साढ़े चार साल तक अपनी चिंता की। अब आप चुनाव के लिए एक साथ आए हैं। अगर आप साथ हैं तो सूची क्यों जारी नहीं कर रहे हैं? अब आपका समय चला गया है।"

गहलोत, जिनकी सरकार को 2020 में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के नेतृत्व में विद्रोह का सामना करना पड़ा था, ने कहा कि उन्होंने "माफ करो और भूल जाओ" की नीति अपनाई है और आगे बढ़ गए हैं।

सत्ता के लिए सचिन पायलट के साथ खींचतान और आगामी विधानसभा चुनाव के सवाल पर, राजस्थान के सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, "हम सभी एकजुट हैं। मैंने (पायलट पक्ष के) किसी भी एक उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है।"

उन्होंने विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की छापेमारी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे तुरंत रोकने के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू है।

उन्होंने चुनाव आयोग से भी हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के टिकट देने पर पार्टी के भीतर कोई मतभेद है, उन्होंने कहा कि कोई मतभेद नहीं है और सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए गए हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। माना जा रहा है कि राजस्थान के चुनाव के परिणाम अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी एक तस्वीर सामने रखेंगे। 

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