दिल्ली कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव नरेश कुमार ने अरविंद केजरीवाल सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान दिल्ली के सरकारी स्कूलों से एक लाख बच्चों के पढ़ाई छोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री शिक्षा में सुधार के जो आंकड़े प्रस्तुत कर रहे हैं, स्थिति उसके बिल्कुल विपरीत है।
कुमार ने शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस के मुख्य मीडिया समन्वयक मोहम्मद मेंहदी माजिद के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजधानी के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर से जुड़े आंकड़े देते हुए कहा कि 2009-2010 में 10 वीं कक्षा का परिणाम 92 प्रतिशत था जो 2019 में घटकर 77 फीसदी रह गया।
कुमार ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार विज्ञापन की सरकार है। और केजरीवाल देश के सबसे बड़े बयानवीर हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के संबंध में झूठे विज्ञापन देते हैं। जे आंकड़े विज्ञापन में दिए जाते हैं वो जमीन पर ठीक उलट हैं। जब से आप सरकार आई है दिल्ली में शिक्षा का स्तर बहुत गिर गया है।
दिल्ली कांग्रेस के नेता ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी स्कूलों के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए कहा विद्यालयों की प्रबंधन समितियों में आप के स्थानीय नेताओं को शामिल किया जो शिक्षा से जुड़े मामलों में अत्याधिक हस्तक्षेप करता हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या एक लाख घट गई वहीं दूसरी तरफ निजी स्कूलों में इस अवधि में बच्चों का आंकड़ा 11 लाख से पांच लाख बढ़कर 16 लाख पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि आप ने अपने घोषणा पत्र में दिल्ली में 500 नये स्कूल खोलने की घोषणा की थी,लेकिन वास्तविकता यह है कि पांच साल बीतने को हैं, एक भी स्कूल की नींव नहीं रखी गई। केवल वही 25 स्कूलों का काम पूरा किया गया जिनका निर्माण शीला दीक्षित की सरकार के समय शुरू हुआ था।