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मोदी के नए मंत्री बोले, ‘भाजपा ने कभी भी बीफ खाने की मनाही नहीं की है’

मंत्री ने कहा, "अगर भाजपा शासित गोवा जैसे राज्य में लोग बीफ खा सकते हैं तो केरल में भी इसको लेकर कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। भाजपा ने बीफ नहीं खाने का आदेश नहीं दिया है।”
मोदी के नए मंत्री बोले, ‘भाजपा ने कभी भी बीफ खाने की मनाही नहीं की है’

कैबिनेट फेरबदल के बाद नए मंत्री बने अल्फोंस कन्ननथनम ने बीफ जैसे विवादित मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। सोमवार को पर्यटन मंत्री का प्रभार सम्हालने के बाद उन्होंने कहा कि केरल में बीफ खाना जारी रहेगा।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कन्ननथनम ने कहा, “भाजपा ने कभी भी बीफ खाने को मना नहीं किया है। हम कहीं भी खाने की पसंद को लेकर आदेश नहीं देते। यह तय करना लोगों का काम है।”

उन्होंने भाजपा शासित गोवा का हवाला देते हुए कहा, “जैसे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा है कि उनके राज्य में बीफ खाया जाएगा, वैसे ही केरल में होगा। अगर भाजपा शासित गोवा जैसे राज्य में लोग बीफ खा सकते हैं तो केरल में भी इसको लेकर कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। भाजपा ने बीफ नहीं खाने का आदेश नहीं दिया है।”

उन्होंने आगे कहा कि केरल में बीफ खाने पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। बीजेपी ने कभी नहीं कहा कि इसे ना खाया जाए। मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भी कह चुके हैं कि गोवा में बीफ की कोई कमी नहीं है। अगर जरूरत पड़ेगी तो पड़ोसी राज्यों से इसे आयात करेंगे।

वहीं एक टीवी चैनल से बातचीत में कन्ननथनम ने कहा कि वह ईसाई समुदाय और भाजपा के बीच पुल का काम करेंगे। भाजपा को लेकर ईसाई समुदाय की ओर से जताई गई चिंता को उन्होंने दुष्प्रचार बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी को साथ लेकर चलने का काम किया है।

कौन हैं अल्फोंस?

अल्फोंस कन्नथनम को भी मोदी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के तौर पर पर्यटन मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है। उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज भाजपा से बिल्कुल अलग राजनीतिक विचारधारा के साथ की थी। 2006 में वे सीपीएम के नेतृत्व वाली एलडीएफ के समर्थन से केरल के कंजिरापल्ली विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुने गए थे। लेकिन उन्हें भी पर्यटन मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है।

अलफोंस कननथनम केरल काडर के 1979 बैच के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। इसके अलावा डीडीए के कमीश्नर भी रह चुके हैं। अल्फोंज का जन्म कोट्टयम जिले के मणिमाला नामक गांव में हुआ था। इस गांव में बिजली तक नहीं हुआ करती थी। जिला कलेक्टर के रूप में अलफोंस ने भारत के पहले साक्षरता आंदोलन चलाया और साल 1989 में कोयट्टम को भारत का पहला 100 फीसदी साक्षर टाउन बनाया। कननथनम पेशे से वकील भी हैं। 1994 में उन्हें टाइम मैगजीन के 100 युवा ग्लोबल लीडर्स की लिस्ट में शामिल किया गया था। कननथनम ने बेस्टसेलिंग किताब 'मेकिंग अ डिफरेंस' लिखी।

 

 

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