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‘बेगम’, ‘फूपी’, ‘खाला’-ममता पर पड़ेगा भारी?, जाने क्या है नंदीग्राम की लड़ाई

पश्चिम बंगाल की पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हाल...
‘बेगम’, ‘फूपी’, ‘खाला’-ममता पर पड़ेगा भारी?, जाने क्या है नंदीग्राम की लड़ाई

पश्चिम बंगाल की पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में आए शुभेंदु अधिकारी के बीच मुकाबला है। गुरुवार को मतदान के दौरान सुबह से ही टीएमसी और बीजेपी पर मतदाताओं को डराने-धमकाने के आरोपों के बीच तनाव बना रहा। बंगाल के जयनगर में रैली को संबोधित करने पर ममता बनर्जी ने् पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मतदान के दिन ही आखिर पीएम मोदी क्यों रैली करते हैं। इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के एक पोलिंग बूथ पर पहुंचकर गवर्नर जगदीप धनखड़ को फोन किया। ममता बोलीं कि वोट देने से रोकने के लिए बाहरियों को बुलाया गया है।

इन सबके बीच शुभेंदु अधिकारी का एजेंडा हिंदुओं और मुसलमानों को विभाजित करना है, और जय श्री राम जैसे नारों की वजह से डर फैला हुआ है। इस सीट पर गुरुवार को अन्य सीटों की तुलना में कम मतदान दर्ज किया गया। कम  मतदान किसके पक्ष में रहेगा यह नतीजों से ही पता चलेगा।

शुभेंदु अधिकारी ममता को अक्सर "बेगम", "फूपी" और "खाला" कहकर बुलाते हैं, और कहते हैं कि उनके "राज" में पश्चिम बंगाल एक "मिनी पाकिस्तान" में बदल जाएगा। अधिकारी ने 29 मार्च को नंदीग्राम में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, '' बेगम अगर जीतती हैं तो वह बंगाल को मिनी पाकिस्तान में बदल देंगी।  उन्होंने कहा, "माननीय बेगम राज्य के लोगों के लिए दर्द पैदा कर रही है.... वह चुनाव के बाद वापस उड़ जाएंगी.... और "मैं बेगम को हराऊंगा।" बेगम निश्चित रूप से ममता बनर्जी को संदर्भित करती हैं जिन पर अधकारी ने मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है तो ममता बनर्जी ने अधिकारी पर पार्टी और नंदीग्राम की जनता को धोखा देने की बात करके उन्हें निशाना बनाया है। कई बार ममता ने उन्हें "मीर जाफर" कहकर भी बुलाया है। महिला मतदाताओं पर विशिष्ट ध्यान रखकर उन्हें संबोधित किया।

नंदीग्राम टीएमसी का गढ़ रहा है, लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद से समीकरण बदल गए हैं। ममता बनर्जी के लिए बीजेपी का चैलेंज बड़ा हो गया है।.  नंदीग्राम में बीजेपी 2016 में खाता भी नहीं खोल पाई थी जबकि 2019 में 34 पोलिंग बूथ पर बढ़त बनाए हुई थी यानी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कुछ फायदा हुआ। 2011 की जनगणना के अनुसार नंदीग्राम के ब्लॉक-1 में मुस्लिम आबादी 35 प्रतिशत है और ब्लॉक-2 में 12 प्रतिशत। दोनों ही ब्लॉकों में लोगों की स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं और छोटी-छोटी बातों पर भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों का गुस्सा महसूस किया जा सकता है।

दोनों परिस्थितियों में मूल अंतर यह है कि हिंदुओं के पास सरकार विरोधी भावनाओं को प्रकट करने के लिए, हिंदुत्ववादी चुनाव प्रचार से बिना कोई फर्क महसूस किए भाजपा के पक्ष में मतदान करने का विकल्प है। इसका सबसे अच्छा चित्रण उन जवाबों को देखकर पता चलता है, जो लोग "जय श्री राम" नारे से जुड़े सवालों पर अपना मत बताते हुए देते हैं। नंदीग्राम के ब्लॉक 2 के कई मुस्लिम निवासियों को चिंता है कि एक बार भाजपा के सत्ता में आने के बाद, उनसे जबरदस्ती यह नारा बुलवाया जाएगा। लोगों का  शुभेंदु अधिकारी के बारे में कहना है, "क्या उन्हें तृणमूल में हमारे वोट मांगते समय पाकिस्तान नहीं दिखा? अचानक उन्हें हर तरफ पाकिस्तान ही दिखाई दे रहा है।"

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