कर्नाटक विधानसभा का बुधवार से शुरू हुआ बजट सत्र पहले ही दिन हंगामेदार रहा। भाजपा विधायकों ने राज्यपाल वजुपाई वाला के संबोधन के दौरान विरोध प्रदर्शन किया तथा अल्पमत सरकार का आरोप लगाया। वहीं, कांग्रेस ने असंतुष्ठ विधायकों को एक बार फिर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बुधवार को जैसे ही राज्यपाल वजुभाई वाला ने संबोधन शुरू किया, विपक्षी दलों ने विधानसभा में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान भाजपा ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार के पास संख्या बल नहीं है और वह अल्पमत की सरकार है।
येदियुरप्पा ने लगाए आरोप
बजट सत्र से पहले मंगलवार को भाजपा के विधायक दल की बैठक के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार जनता के उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर भी कुमारस्वामी सरकार पर आरोप लगाए थे।
कांग्रेस ने असंतुष्ट विधायकों से मांगा जवाब
वहीं, कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों को पार्टी की तरफ से एक बार फिर नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की तरफ से जारी नोटिस में विधायकों को विधानसभा सत्र के पहले या बाद में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।
एक दूसरे के विधायक तोड़ने के लगते रहे हैं आरोप
सोमवार को सिद्धारमैया ने आरोप लगाया था कि भाजपा राज्य में जेडीएस-कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल करने की अपनी कोशिश के तहत कांग्रेस के प्रत्येक विधायक को 50 करोड़ रुपये की पेशकश कर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी कैबिनेट के दो मंत्रियों ने आरोप लगाया कि भाजपा अब भी कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रही है।
चल रही है सियासी उथलपुथल
कर्नाटक में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के बाद से ही वहां सियासी उथलपुथल चल रही हैं। भाजपा 104 विधायकों के साथ जहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। जिसके बाद येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन वो विधानसभा में बहुमत के आंकड़े नहीं जुटा पाए और उन्होंने इस्तीफा दे दिया जिसके जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी। कांग्रेस-जेडीएस के बीच रिश्तों के बीच पिछले दिनों खासी तल्खी देखने को मिली तो कुमारस्वामी भी मुख्यमंत्री पद छोड़ने की धमकी देते रहते हैं।