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भाजपा और संघ की ‘विभाजनकारी’ विचारधारा से मुकाबले का जरिया है ‘भारत जोड़ो यात्रा’: कांग्रेस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने गुरूवार को कहा कि कांग्रेस ने पहली...
भाजपा और संघ की ‘विभाजनकारी’ विचारधारा से मुकाबले का जरिया है ‘भारत जोड़ो यात्रा’: कांग्रेस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने गुरूवार को कहा कि कांग्रेस ने पहली बार विचारधाराओं की लड़ाई को पहचाना है और पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से आज विचारधारा की वह लड़ाई लड़ी जा रही है, जो कई साल पहले लड़ी जानी चाहिए थी।

उन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली जाने वाली अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ‘विभाजनकारी’ विचारधारा से मुकाबले का जरिया करार देते हुए कहा कि यह यात्रा कोई ‘इवेंट’ नहीं, बल्कि एक ‘मूवमेंट’ है, जो जारी रहेगा।

रमेश ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान शामली के ऊंचा गांव में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह चुनाव जिताऊ यात्रा नहीं है, यह भारत को जोड़ने की यात्रा है। पहली बार कांग्रेस ने विचारधाराओं के मुकाबले को पहचाना है। हमें विचारधारा की जो जंग कई साल पहले लड़नी थी…. आज हम इस स्थिति में हैं कि हम कह सकते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से हम विचारधाराओं के मुकाबले में उतरे हैं।”

रमेश ने कहा, “देश में इस वक्त दो विचारधाराओं के बीच सीधी टक्कर है। एक भाजपा और संघ की विचारधारा है और दूसरी कांग्रेस की विचारधारा है।” उन्होंने कहा, “हमारे समाज, हमारे लोकतंत्र और हमारे देश के सामने तीन बड़ी चुनौतियां और खतरे हैं। हमारा लोकतंत्र कमजोर होता जा रहा है, आर्थिक विषमताएं बढ़ रही हैं और सामाजिक ध्रुवीकरण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राजनीतिक तानाशाही अब हकीकत बन गई है। इसका सीधा कारण हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की नीयत और नीतियां है। इन्हीं की वजह से हमें खतरों का सामना करना पड़ रहा है। इनके प्रति जनता को जागरूक करने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली गई है।”

रमेश ने कहा, “इस यात्रा से कांग्रेस संगठन में नयी ऊर्जा पैदा हुई है। यह संगठन के लिए एक संजीवनी है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कोई इवेंट नहीं है। यह एक मूवमेंट है, जो चलता रहेगा। यह यात्रा वोट के लिए नहीं निकाली जा रही है।”

उन्होंने कहा, “चुनावों पर इस यात्रा का क्या असर होगा, यह मैं नहीं कह सकता। चुनावी राजनीति अलग है। वह हमारे संगठन पर निर्भर करती है। आरएसएस की ‘विभाजनकारी’ सोच का जहर हमारे समाज में हर कोने में पहुंच गया है।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में अनेकता में एकता की भावना को दबाने की जो कोशिश की गई है, उसे विफल करने के लिए पांच साल, 10 साल, 15 साल तक लगेंगे। हम इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।” उन्होंने रेडियो पर प्रसारित किए जाने वाले प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर कटाक्ष करते हुए कहा, “भारत जोड़ो यात्रा, मन की बात की यात्रा नहीं है। इसमें राहुल गांधी बोलते कम हैं और सुनते ज्यादा हैं।”

रमेश ने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा भाषणबाजी का मौका नहीं है। समाज के अलग-अलग वर्ग-किसान, दलित, आदिवासी, महिलाएं, युवा और पूर्व सैनिक यात्रा के दौरान राहुल से मिलते हैं। उनके साथ पदयात्रा करते हैं। दोपहर में उनके साथ बैठक की जाती है। आज भी दो बैठकें होंगी। कल भी दो बैठकें हुई थीं। यह यात्रा जनता की चिंताएं समझने के लिए निकाली गई है।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश में सिर्फ तीन जिलों में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालकर इस राज्य की उपेक्षा कर रही है, लेकिन यह आरोप बिल्कुल गलत है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “हम तो प्रदेश में और ज्यादा दिन रहना चाहते थे, लेकिन हमें पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 30 जनवरी से पहले कश्मीर पहुंचना है और दिल्ली भी लौटना है, क्योंकि संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को होती है। इसलिए इस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में उत्तर देश के तीन ही जिले शामिल किए गए हैं।”

उन्होंने संकेत दिया, “राहुल गांधी ने यह भी कहा है कि हो सकता है कि 2023 में पश्चिम से पूरब तक ऐसी ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली जाए। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम सहित अन्य राज्यों के ऐसे जिले, जो इस यात्रा में छूट गए हैं, उन्हें शामिल किया जाएगा। इस विषय पर चर्चा और विचार-विमर्श हो रहा है कि हम कब यह यात्रा निकाल सकते हैं।”

रमेश ने कहा, “जो राज्य ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के मार्ग में नहीं पड़ते थे, हमने वहां भी यह यात्रा निकालने की घोषणा की थी। असम में साढ़े आठ हजार किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पूरी हो चुकी है। त्रिपुरा में भी यही यात्रा संपन्न हो चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बृहस्पतिवार शाम बिहार में बंका से बोधगया तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत के अवसर पर मौजूद रहेंगे।”

उन्होंने बताया, “पश्चिम बंगाल में 28 दिसंबर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू हुई थी, जो कोलकाता से लेकर सिलीगुड़ी तक करीब 880 किलोमीटर तक जाएगी। उत्तर प्रदेश में ही 75 जिलों में से हर एक जिले में 25 किलोमीटर लंबी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली गई है, जो पूरी हो चुकी है।”

रमेश ने यह भी बताया कि आगामी 26 जनवरी से 26 मार्च तक ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से जो सफलता हासिल की है, उसकी कहानी विकासखंड के स्तर पर, जिले के स्तर पर और राज्य के स्तर पर पहुंचाई जाएगी। हमारे कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का संदेश पहुंचाने और लोकतंत्र के सामने खड़े खतरों के बारे में बताने का मौका मिलेगा।”

(भाषा इनपुट के साथ)

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