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जरूरत पड़ी तो मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं केजरीवाल: भूषण

जाने-माने वकील और पूर्व आप नेता प्रशांत भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पूरी तरह बेइमान होने का आरोप लगाया और कहा कि आप प्रमुख अपने व्यक्तिगत हित के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं।
जरूरत पड़ी तो मोदी से भी हाथ मिला सकते हैं केजरीवाल: भूषण

आप नेता और राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मित्र से विरोधी बने प्रशांत भूषण इस समय अमेरिका के निजी दौरे पर हैं। भूषण ने सोमवार की रात वाशिंगटन में भारतीय-अमेरीकियों और भारतीयों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा, केजरीवाल पूरे बेइमान हैं, जिस दिन उन्हें रास आए, वह मोदी से हाथ मिला लेंगे। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है। भूषण की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच पिछले एक साल से अधिक समय में कई मुद्दों पर टकराव देखने को मिला है। पिछले साल आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव के साथ स्वराज अभियान की नींव रखने वाले भूषण ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि केजरीवाल की इस फितरत के बारे में उन्हें पहले पता नहीं चल पाया।

 

भूषण ने कहा, उन्होंने मेरे और योगेंद्र जैसे लोगों का इस्तेमाल विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए किया और इस दौरान उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि आप के निर्णय लेने वाले निकायों में उनका बहुमत हो, ताकि वह अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ सकें। एक सवाल के जवाब में भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की दिलचस्पी भ्रष्टाचार से लड़ने में नहीं है। आप विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोपों के मामलों का जिक्र करते हुए भूषण ने कहा, वे लोग खुद के लिए जवाबदेही नहीं चाहते हैं। स्वराज अभियान के नेता ने आरोप लगाया, अरविंद का हाल मनमोहन सिंह जैसा ही है जिन्होंने खुद कभी रूपया नहीं लिया लेकिन अपने इर्द-गिर्द के लोगों को रूपया लेने की अनुमति दी।

 

पंजाब के आगामी चुनाव के बारे में बात करते हुए भूषण ने बताया कि राज्य में आप की सरकार कांग्रेस की तुलना में कहीं ज्यादा बुरी होगी। पंजाब में आप को एक विश्वसनीय विकल्प मानने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा, यह सिद्धांतविहीन और अराजक होगी। उन्होंने कहा, दरअसल पंजाब में कांग्रेस कहीं अच्छी पसंद साबित होगी। मेरे विचार में वह आप से बेहतर होगी। वे अनुभवी हैं। आप में कोई सिद्धांत नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि स्वराज अभियान अभी राजनीति में कूदने के लिए तैयार नहीं है। इसमें एक साल का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि चुनावी राजनीति में शामिल होने से पहले स्वराज अभियान खुद के भीतर पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र के सिद्धांत स्थापित करना चाहती है। उन्होंने कहा, आप के मामले में हमने जो गलतियां की हैं हम उन्हें दोहराना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने मेरे जैसे लोगों का इस्तेमाल किया।

 

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