न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने अपने फैसले में कहा कि याचिका खारिज की जाती है। इस मामले में गांधी मां-बेटे के अलावा पांच अन्य आरोपियों सुमन दुबे, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सैम पित्रोदा तथा यंग इंडिया लिमिटेड को कल निचली अदालत में पेश होना होगा जहां इस मामले की सुनवाई होनी है।
न्यायमूर्ति गौड़ ने हाईकोर्ट के छह अगस्त, 2014 के उस अंतरिम आदेश की अवधि बढ़ाने से भी इनकार कर दिया जिसके तहत समन पर रोक लगाई गई थी। इस मामले में आरोपियों की ओर से पेश वकील हरिन रावल ने अदालत से मौखिक अपील की कि या तो व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी जाए या फिर छह अगस्त, 2014 के आदेश को ही आगे बढ़ा दिया जाए मगर न्यायमूर्ति गौड़ ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को ब्याज मुक्त कर्ज देने की जरूरत पर भी सवाल उठाया। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ही नेशनल हेराल्ड की प्रकाश है। अदालत ने पूछा, ‘ब्याज मुक्त कर्ज देने की जरूरत क्या थी?’
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 26 जून को भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर निचली अदालत ने सभी आरोपियों को 7 अगस्त, 2014 तक पेश होने का आदेश दिया था। इसके बाद 30 जुलाई, 2014 को कांग्रेस नेता हाईकोर्ट गए थे जिसने 6 अगस्त को समन पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बाद 15 दिसंबर 2014 को कोर्ट ने याचिका के निपटारे तक समन पर रोक की अवधि बढ़ा दी थी। कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ यह याचिका स्वामी ने बंद पड़े अखबार नेशनल हेराल्ड की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाते हुए दायर की है।