बिहार भाजपा से जुड़े एक सांसद ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी गंभीर है और प्रचार अभियान जोर पकड़ रहा है। ऐसे में जनप्रतिनिधि होने के नाते क्षेत्र में रहना जरूरी है। सांसद के मुताबिक वैसे भी संसद का सत्र कांग्रेस चलने नहीं दे रही है और आए दिन हंगामे के कारण सदन को स्थगित करना पड़ता है। इसलिए पार्टी का फैसला है कि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा समय बिताया जाए।
वैसे भी बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रचार अभियान के आगे भाजपा का प्रचार अभियान कमजोर माना जा रहा है। इसलिए पार्टी की ओर से यह निर्देश मिला है कि जदयू के प्रचार के मुकाबले भाजपा का प्रचार ज्यादा दिखना चाहिए। लोकसभा में भाजपा के सांसदों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में सभी सांसदों को अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के निर्देश भी दिए गए हैं।
भाजपा के एक सांसद के मुताबिक क्षेत्र में कार्यक्रम जिला अध्यक्ष द्वारा तय कर दिए जाते हैं इसलिए उनकी मजबूरी भी हो जाती है कि वह सदन के बीच में ही क्षेत्र में जाएं। वैसे भी संसद नहीं चल रही है। जबकि बिहार से जुड़े भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रम प्रदेश अध्यक्ष द्वारा तय किए जाते हैं जिससे केंद्रीय मंत्रियों की भी मजबूरी है कि चुनाव के समय में राज्य का दौरा करें।