कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने अपने 13 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 13 बागी विधायकों के नामों की घोषणा की गई है। इससे पहले कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक आज बेंगलुरु में भाजपा में शामिल हुए।
पहली लिस्ट में जिन प्रमुख नामों को जगह मिली है उसमें के सुधाकर, बीसी पाटिल, शिवराम हेब्बर, आनंद सिंह, एसटी सोमशेखर सहित कई नेता शामिल हैं। ये सभी उम्मीदवार कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक थे। आज ही कर्नाटक के कांग्रेस और जेडीएस के 16 बागी विधायक भाजपा में शामिल हुए थे। कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है और 9 दिसंबर को नतीजे आएंगे।
ये हुए थे भाजपा में शामिल
प्रताप गौड़ा पाटिल (मास्की), बी सी पाटिल (हिरेकर), शिवराम हेब्बार (येलापुर), एस टी सोमाशेकर (यशवंतपुर), बयारटी बसवराज (के.आर. पुरम), आनंद सिंह (विजयनगर), एन मुनिरत्न (आर. आर. नगर), के सुधाकर (चिक्काबल्लपुरा), एमटीबी नागराज (होसकोटे), श्रीमंत पाटिल (कागवाड), रमेश जारखोली (गोकक), महेश कुमतल्ली (अथानी) और आर शंकर (रानीबेनूर)। के गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट), एएच विश्वनाथ (हुनसुर) और केसी नारायण गौड़ा (के.आर. पेट)।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी हरी झंडी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 17 अयोग्य विधायकों को उपचुनाव लड़ने की हरी झंडी मिल गई थी। कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर द्वारा विधायकों की अयोग्यता के फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट का कहना था कि अयोग्यता अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकती है। इन बागियों में 14 विधायक कांग्रेस और 3 विधायक जेडीएस के हैं।
अयोग्य विधायकों ने दायर की थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इन अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी। इन विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के कारण 17 में से 15 सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। अयोग्य विधायकों ने अपनी याचिका में 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका कहना था कि याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक उपचुनाव नहीं होने चाहिए।
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