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घोषणा नहीं केवल विजन है भाजपा का

भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में घोषणापत्र जारी करने के बजाय विजन के जरिए बिहार के विकास के लिए उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की। विजन डाक्यूमेंट में भाजपा ने मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन बिहार व डिजिटल इंडिया पर जोर दिया है। इसके साथ ही लैपटाप, स्कूटी व रंगीन टीवी बांटने पर भी इस डाक्यूमेंट में जोर दिया गया है। लेकिन यह विजन क्या बिहार की जनता को लुभा पाएगी इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक संशय ही जताते हैं।
घोषणा नहीं केवल विजन है भाजपा का

 विजन डाक्यूमेंट के मुताबिक गरीब को हर साल दो धोती व दो साड़ी दिया जाएगा। साथ ही शहरों में खाली पड़ी जमीन पर दुकान बनायी जायेंगी और उनमें युवाओं के लिए दुकान खोलने का प्रावधान किया जाएगा। डाक्यूमेंट के मुताबिक भ्रष्टाचार रोकने के लिए एक एजेंसी की स्‍थापना की जाएगी जिसकी इकाई प्रत्येक जिले में होगी। कानून व्यवस्‍था को सुधारने के लिए पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्‍था कायम करेंगे। पहले यह कहा जा रहा है था कि भाजपा अपने सहयोगियों के साथ संयुक्त घोषणा पत्र जारी करेगी लेकिन अचानक पार्टी के शीर्ष नेताओं ने घोषणा पत्र की जगह विजन डाक्यूमेंट जारी करने का निर्णय लिया।

विजन डाक्यूमेंट पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह हारी हुई पार्टी का थका हुआ विजन है जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता। सुरजेवाला ने लोकसभा चुनाव के दौरान अच्छे दिन के वायदों की तरफ भी जनता का ध्यान आकृष्ट किया। सुरजेवाला ने कहा कि जो काम बिहार के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे थे उसी काम को नए नाम से भाजपा ने अपना विजन बता दिया।

उधर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विजन डाक्यूमेंट जारी करते हुए महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा। जेटली ने कहा कि महागठबंधन में शामिल दलों का चरित्र बदलने वाला नहीं है। बिहार को पीछे धकेलने में कांग्रेस और राजद का प्रमुख योगदान रहा है। जदयू-भाजपा गठबंधन के कार्यकाल के अच्छा बताते हुए जेटली ने कहा कि उस दौरान राज्य में विकास को लेकर काम हो रहा था इसलिए साल 2010 के विधानसभा चुनाव में जनता ने इस गठबंधन को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का मौका दिया। लेकिन नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा ने भाजपा से नाता तोड़ने के लिए मजबूर किया।  

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