भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरूवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘भारतीय राजनीति का नटवरलाल’ करार दिया और कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचारियों के गठबंधन के साथ जुड़ने का फैसला करके ‘सियासी धर्मांतरण’ का सबसे बड़ा उदाहरण दिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘राजनीतिक बेबसी’ को समझ सकते हैं, लेकिन वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि किस ‘राजनीतिक विवशता’ में केजरीवाल ने भ्रष्टाचार पर यू-टर्न लेने का फैसला किया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘अरविंद केजरीवाल देश को बताएं कि उनकी ऐसी कौन सी राजनीतिक विवशता है जिसके चलते वह लालू यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ गठबंधन कर रहे हैं?’’
कुमार और राजद के तेजस्वी यादव ने नई दिल्ली में केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। यह बैठक 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने की कुमार की पहल के तहत हुई। बिहार के नेताओं ने इससे कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
पूनावाला ने आरोप लगाया, ‘‘कभी लालू यादव को ‘भ्रष्टाचार का प्रतीक’ कहने वाले केजरीवाल उन्हें और उनके बेटे तेजस्वी यादव को गले लगा रहे हैं और ‘बीबीसी’ या ‘भ्रष्टाचार बचाओ गठबंधन’ में शामिल हो रहे हैं। केजरीवाल ने कुमार की इस पहल के लिए उनकी सराहना की थी और यह आश्वासन दिया था कि उनकी आम आदमी पार्टी इस पहल का पूर्ण समर्थन करेगी।
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘भारतीय राजनीति के नटवरलाल उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्हें वह भ्रष्ट कहते थे। सियासी धर्मांतरण का ऐसा उदाहरण अब तक कभी नहीं देखा गया।’’ उन्होंने केजरीवाल से सवाल किया कि क्या उन्होंने लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव को वही कट्टर ईमानदार की डिग्री दी है जो उन्होंने सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को दी है।
गौरतलब है कि केजरीवाल जैन और सिसोदिया को अक्सर कट्टर ईमानदार बताते रहे हैं जबकि भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में दोनों जेल में बंद हैं। पूनावला ने कहा कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के बारे में अपने विचारों से यू-टर्न लेते हुए केजरीवाल उन्हें गले लगा रहे हैं क्योंकि उन्होंने खुद ‘भ्रष्टाचार में बड़ी डिग्री’ हासिल की है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में न तो कोई समान मिशन है और न ही किसी मुद्दे पर कोई दृष्टिकोण है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह भ्रष्टाचार की एकता, विभाजन की राजनीति, पद की महत्वाकांक्षा है। सभी भ्रष्ट लोग इसकी वजह से एक साथ आ रहे हैं।’’