डॉ. जाकिर नाइक के एनजीओ की तरफ से राजीव गांधी फाउंडेशन को 50 लाख रुपये चंदा देने के मामले में कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछली संप्रग सरकार में रहे निहित स्वार्थ वाले तत्वों पर नाइक को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने 2012 में लोकसभा में तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी की ओर से दिए गए कथित जवाब दिखाते हुए यह आरोप लगाया। तिवारी ने कथित तौर पर अपने जवाब में नाइक के पीस टीवी को ऐसे 24 अवैध विदेशी चैनलों में से एक बताया था जिनकी विषय-वस्तु भारत के सुरक्षा परिदृश्य के अनुकूल नहीं है। प्रसाद ने कांग्रेस से सवाल किया कि 2011 में उसने आईआरएफ की ओर से दिया गया चंदा क्यों नहीं लौटाया जब उसी की सरकार ने नाइक के टीवी चैनल के बाबत सुरक्षा चिंताएं जाहिर की थी।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस के इस दावे पर भी संदेह जाहिर किया कि पैसे कुछ महीने बाद लौटा दिए गए थे। उन्होंने कहा कि एनजीओ ने पैसे वापस मिलने की बात से इनकार किया है। प्रसाद ने तत्कालीन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रहमान की ओर से तिवारी को फरवरी 2013 में लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया जिसमें नाइक को प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान करार दिया गया था और एक क्षेत्रीय चैनल एवं एक हिंदू संगठन की ओर से चलाए गए अभियानों से उसके लिए सरकारी संरक्षण की मांग की गई थी। उन्होंने कहा, उसके लिए लॉबींग कर रहे लोग कांग्रेस में ऊंचे पदों पर थे। यह आशंका क्यों नहीं जाहिर की जा सकती कि 50 लाख रूपए का यह चंदा ऐसी ताकतों के लिए एक रिश्वत के तौर पर दिया गया था जिससे उसकी अवैध और देशविरोधी गतिविधियों को ढंका जा सके। प्रसाद ने कहा कि सोनिया गांधी आरजीएफ की अध्यक्ष हैं और उनके पुत्र राहुल गांधी, पुत्री प्रियंका गांधी, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम इसके सदस्य हैं।