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लोकसभा चुनाव तक पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे अमित शाह, संगठन चुनाव टला

आगामी लोकसभा चुनाव तक अमित शाह भाजपा अध्यक्ष बने रहे रहेंगे और पार्टी उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव...
लोकसभा चुनाव तक पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे अमित शाह, संगठन चुनाव टला

आगामी लोकसभा चुनाव तक अमित शाह भाजपा अध्यक्ष बने रहे रहेंगे और पार्टी उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेगी। इसके अलावा भाजपा ने संगठन में होने वाले चुनाव को टाल दिया है। पीटीआई के मुताबिक, लोकसभा चुनाव तक अमित शाह बीजेपी अध्यक्ष बने रहे रहेंगे और पार्टी उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेगी। शाह का कार्यकाल जनवरी, 2019 में समाप्त हो रहा है। संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह चर्चा की गई और दिल्ली में चल रही  पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव लाया जाएगा।

2014 में बने थे भाजपा अध्यक्ष

अमित शाह अगस्त 2014 में राजनाथ सिंह की जगह पार्टी अध्यक्ष बनाए गए थे। सिंह मोदी सरकार में गृहमंत्री बन गए थे, जिसके बाद शाह ने उनके बचे कार्यकाल को पूरा किया और पहली बार 3 साल का पूरा कार्यकाल उन्हें जनवरी, 2016 में मिला था।

क्या कहता है भाजपा का संविधान

भाजपा के संविधान के अनुसार, एक आदमी दो ही बार पूरे कार्यकाल के लिए पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है। पार्टी की बैठक में सदस्यों ने संकल्प लिया कि पार्टी 2014 चुनाव से बड़ी जीत हासिल कर 2019 में सत्ता में लौटेगी। 2014 लोकसभा चुनाव में पहली बार पार्टी अपने दम पर पूर्णबहुमत हासिल करने में सफल रही थी।

बैठक में पार्टी ने दिया अजेय बीजेपी का नारा

इस बैठक में पार्टी ने अजेय बीजेपी का नारा दिया है। बैठक में सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों समेत सभी राज्यों के प्रदेशाध्यक्ष भी शामिल हुए। पदाधिकारियों ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने का संकल्प लिया। पार्टी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव पर ज्यादा जोर देकर अच्छे प्रदर्शन करने की बात कही।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर नजर

विधानसभा चुनाव से पहले जातीय संतुलन को कैसे संभाला जाए इसको लेकर राजनीतिक संदेश देने के लिए पार्टी क्या फैसला करती है, इस बात के लिए सभी की निगाहें राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर टिकी हुई है। एससी/एसटी एक्ट को लेकर संसद द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने के बाद सवर्ण जातियों में काफी नाराजगी है। इसकी बानगी मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में देखने को मिली है। इन राज्यों में सवर्णों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए थे।

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