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यूपी विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे भाजपा विधायक

उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस दौरान कई बार सदन की...
यूपी विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे भाजपा विधायक

उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस दौरान कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मंगलवार को सत्तारूढ़ भाजपा के लिए उस समय अजीब सी स्थिति पैदा हो गई जब सरकार के खिलाफ भाजपा विधायक ही धरने पर बैठ गए। उनके समर्थन में पक्ष-विपक्ष के विधायक भी आ गए। मान मनव्वल की कोशिशों और गाजियाबाद के डीएम-एसएसपी को तलब करने के आश्वासन के बाद ही विधायकों का धरना खत्म हुआ।

शीतकालीन सत्र में सदन की कार्यवाही के दौरान लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर अधिकारी द्वारा दुर्व्यवहार करने को लेकर अपनी बात सदन में रखना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें रोक दिया, जिससे नाराज विधायक हंगामा करने लगे। भाजपा विधायक के समर्थन में सपा और कांग्रेस के विधायकों ने समर्थन किया। हंगामा बढ़ने के बाद सदन की कार्यवाही 45 मिनट के लिए स्थगित की गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई, लेकिन नाराज विधायक अपनी मांगों को लेकर वेल में ही धरने पर बैठ गए।

चलाया हस्ताक्षर अभियान

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना समेत कई कैबिनेट मंत्रियों ने विधायकों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। उत्पीड़न की घटना को लेकर विधायक नाराज थे। विधायकों ने विधायक एकता जिंदाबाद के नारे भी लगाए। सौ से ज्यादा पक्ष और विपक्ष के विधायकों के नाराज रुख के कारण विधायकों ने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। मान मनव्वल के बाद शाम करीब छह बजे विधायक शांत हुए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि मामले में मैंने अपने स्तर पर जो भी कार्यवाही संभव होगी, उसे करने का आश्वासन दिया है।

विधायकों का सरकार से भरोसा उठ गया हैः सपा

समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि कल विधायक की मांग पर निर्णय नहीं हुआ, तो फिर धरना दिया जाएगा। सत्ता पक्ष से विधायकों का भरोसा उठ गया है। सरकार अल्पमत में है और सीएम योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि मामले में 169 विधायकों ने कार्यवाही करने के लिए दस्तखत किए हैं। डीएम-एसपी को बुलाने की मांग है। अगर सरकार कार्यवाही नहीं करेगी, तो दोबारा धरना देंगे। मामले में लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर से बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई।

अफसर जनप्रतिनिधि की नहीं सुनते: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश में अफसरशाही का बोलबाला है। अफसर जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों तक की नहीं सुन रहे हैं। भाजपा के विधायक को सदन के अंदर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम जनता का क्या हाल होगा? तानाशाही और अफसरशाही किसके दम पर हो रही है, पूरे सूबे की जनता योगी आदित्यनाथ की सरकार से जानना चाहती है। उन्होंने कहा कि बढ़ रही अफसरशाही लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंटने पर उतारू है।

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