भाजपा और लोकसभा की सदस्यता से शुक्रवार को इस्तीफा देने वाले नाना पटोले कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। उन्होंने 11 दिसंबर को गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने का ऐलान किया है। हालांकि पटोले के मुताबिक उन्होंने अभी यह तय नहीं किया है कि वे किस पार्टी में शामिल होंगे।
इस्तीफे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण किसान मर रहे हैं। पार्टी के भीतर उनकी आवाज दबाई जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी उन्होंने इन मुद्दों को उठाया था, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने दावा किया कि कई नेता भाजपा सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हैं और वे जल्द इस्तीफा दे सकते हैं।
भंडारा-गोंदिया से एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को हराकर पटोले लोकसभा पहुंचे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। हाल में उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण से मुलाकात की थी। कांग्रेस महासचिव और महाराष्ट्र के प्रभारी मोहन प्रकाश से भी उनकी मुलाकात हुई थी। इस बैठक के बाद मोहन प्रकाश ने कहा था कि कांग्रेस पटोले के लिए घर जैसा है। वे हमारे पुराने सहयोगी हैं। सत्ताधारी दल में रहने के बावजूद वे आम लोगों और किसानों से जुड़े उन मुद्दों को उठा रहे हैं जिन्हें राहुल गांधी और कांग्रेस ने आवाज दी है।