भाजपा संसदीय दल की आज हुई बैठक में छह अप्रैल को भाजपा के स्थापना दिवस समारोह को जोरशोर से मनाने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने पार्टी सदस्यों से कहा कि वे सरकार के लोक कल्याण कार्यक्रमों, नीतियों और विभिन्न योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाएं और इन योजनाओं के लाभ से लोगों को अवगत कराएं।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान संसद में पार्टी सदस्यों की उपस्थिति का भी जिक्र आया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे सब कुछ कर सकते हैं लेकिन पार्टी सांसदों की हाजिरी नहीं बना सकते हैं। यह पार्टी सदस्यों को ही सुनिश्चित करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अचानक कभी भी किसी सांसद को बुला सकते हैं। सू़त्रों के अनुसार अगर सांसद संसद सत्र के दौरान सदन में मौजूद हैं तो उन्हें उपस्थित माना जाएगा और अगर वह लॉबी में हैं तब उन्हें गैर हाजिर माना जाएगा। प्रधानमंत्री अगर दिल्ली से बाहर हैं तब वह किसी अधिकारी के माध्यम से किसी भी सांसद से बात कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री की यह तल्ख टिप्पणी ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब लोकसभा में कई मौकों पर कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति उत्पन्न हो गई। राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान विचित्र स्थिति देखने को मिली जब कई मंत्री अपने मंत्रालय से जुड़े पूरक सवालों का जवाब देने के लिए सदन में मौजूद नहीं थे। इस स्थिति पर सभापति हामिद अंसारी ने जहां अप्रसन्नता जताई वहीं विपक्ष ने सरकार पर चुटकी ली।
संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) के विषय का भी जिक्र किया और कहा कि केवल संसद में कानून बनाने से मकसद हल नहीं होगा, लोगों को इसके फायदे के बारे में जानकारी देने की जरूरत है। (एजेंसी)