भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं और बैठक में पार्टी के देश भर के शीर्ष नेता शामिल हुए हैं।नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि उनकी चर्चा का मुख्य आधार उनके विचारक दीनदयाल उपाध्याय का अंत्योदय :अंतिम व्यक्ति का उदय: का सिद्धांत होगा। इन चर्चाओं में उरी आतंकी हमला, कश्मीर का तनाव और अगले साल होने वाले राज्यों के चुनाव एवं जीएसटी जैसे मुद्दे उठाए जाएंगे।
पार्टी यूपी समेत विभिन्न महत्वपूर्ण राज्यों में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले दलितों एवं ओबीसी जैसे तबकों तक पहुंच बनाने के लिए अपने गरीब कल्याण एजेंडे को सामने रख सकती है। यह उपाध्याय की जन्मशती का साल है और उनकी 100वीं जयंती 25 सितंबर को है।
प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी शनिवार को यहां पहुंचेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। उरी हमले के बाद यह उनका पहला एेसा संबोधन होगा। वह रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करेंगे। नेता और कार्यकर्ता उनसे उरी हमले पर बोलने की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा रक्षा प्रतिष्ठानों को बार-बार निशाना बनाए जाने के चलते भगवा पार्टी आलोचनाओं से घिरी हुई है। इसके अलावा मोदी ने आतंकी हमलों के दौरान पाकिस्तान के प्रति कथित नरम रूख को लेकर संप्रग सरकार पर कई बार निशाना साधा था।
उरी हमले के कारण पार्टी को परिषद का एजेंडा नए सिरे से तय करना पड़ा। इसमें भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों और सभी राज्यों के शीर्ष अधिकारियों समेत 1700 से ज्यादा प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। दलित मुद्दों पर विपक्षी दलों की आलोचना का सामना कर रही भाजपा का मानना है कि समाज के गरीब, दलित एवं हाशिए पर जीने वाले तबके के लोगों तक पहुंच बनाने में एजेंडे का प्रभावी क्रियान्वयन मददगार साबित हो सकता है। पार्टी इस अवसर का इस्तेमाल उपाध्याय की गरीब-केंद्रित विचारधारा एक बार फिर अपनाने के लिए कर सकती है। उपाध्याय को 1967 में इसी आयोजन स्थल पर पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था।
पार्टी ने पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक समिति बनाई थी, जिसे गरीब कल्याण एजेंडा तैयार करना था। इस एजेंडे के तहत इसकी राज्य सरकारों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रमुख लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कहा जाएगा। 25 सितंबर को मोदी उपाध्याय की जन्मशती के जश्न का उद्घाटन करेंगे। यह जश्न एक साल तक चलना है।
पार्टी नेतृत्व अगले साल होने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा कर सकता है। इसमें बेहद अहम राज्य उत्तरप्रदेश भी शामिल है। भाजपा 14 साल से भी लंबे समय से उत्तरप्रदेश की सत्ता से बाहर है। शाह ने दावा किया है कि वह समाजवादी पार्टी और बसपा को हराकर दो तिहाई बहुमत के साथ वापसी करेंगे। इस बैठक में केरल में भाजपा कार्यकर्ताओं और आरएसएस के सदस्यों के साथ होने वाली हिंसा के बढ़ते मामलों पर भी चर्चा होगी। भाजपा नेतृत्व ने इसके लिए माकपा पर आरोप लगाया है। भाषा एजेंसी