नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल नये मंत्री जन आशीर्वाद यात्रा पर निकाल रहे हैं। 39 मंत्री देश के करीब 212 लोकसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। झारखण्ड से केंद्र में राज्य मंत्री बनीं अन्नपूर्णा देवी आज सोमवार को कोडरमा के अपने चाराडीह आवास से जन आशीर्वाद यात्रा पर निकल रही हैं।
अन्नपूर्णा देवी की यात्रा के अपने मायने हैं। समझा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन के आगे चित हुई भाजपा अन्नपूर्णा देवी को आगे कर ओबीसी कार्ड खेलने की तैयारी कर रही है। यादव समाज के साथ आधी आबादी का प्रतिनिधित्व तो करती ही हैं। माना जा रहा है कि सभाओं में केंद्र द्वारा पास ओबीसी बिल को भी कैश कराया जायेगा।
रांची, हजारीबाग, कोडरमा, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो, रामगढ़ की यात्रा होगी, सभाएं होंगी। ये जिले ओबीसी की बहुलता वाले जिले हैं। आदिवासी प्रदेश की छवि रखने वाले झारखण्ड में 26 प्रतिशत आदिवासी हैं तो करीब 54 प्रतिशत ओबीसी। जनजातीय समाज से आने वाली राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, अर्जुन मुंडा के रूप में केंद्र में जनजातीय कल्याण मंत्री आदि प्रयोग के बावजूद जनजातीय बहुल सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगा था। 28 में सिर्फ दो सीट भाजपा की झोली में आई थी।
जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड के मसले पर झामुमो नीत सरकार के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भाजपा को झटका दे चुके हैं। आदिवासियों को हिंदू मानने वाली भाजपा को भीतर में असहमति के बावजूद विधानसभा से पारित प्रस्ताव में सर्व सम्मत समर्थन का हिस्सेदार बनना पड़ा था। झारखण्ड के पहले मुख्यमंत्री और झारखण्ड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी का विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में विलय हुआ। उनके इंतजार में भाजपा विधायक दल के नेता का पद कई महीने तक खाली रहा। मगर बेरमो, दुमका और मधुपुर के उप चुनाव में वे भी कोई करामात नहीं दिखा सके। भाजपा को तीनों सीटों पर हार मिली। जनजातीय वोटों के मसले पर पिछ़ड़ती भाजपा लगता है झारखण्ड में ओबीसी कार्ड के पत्ते फेंट रही है। जनजातीय समाज से आने वाली राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के बदले में ओबीसी से आने वाले रमेश बैस को जगह मिली।
केंद्रीय कैबिनेट विस्तार में अन्नपूर्णा देवी को स्थान देकर भाजपा ने झारखण्ड के ओबीसी समाज को बड़ा संदेश देने का काम किया। अब इसे भुनाने और जनता को बताने के लिए आशीर्वाद यात्रा के रूप में जनता के बीच वे जा रही हैं। बिहार की सीमा से लगे कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी लालू प्रसाद की पार्टी राजद में झारखण्ड की प्रदेश अध्यक्ष थीं। लालू प्रसाद से इनकी काफी निकटता थी। जब वे भाजपा में शामिल हुईं उस समय उसके एक भी विधायक नहीं थे। बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री और पार्टी में प्रभाव रखने वाले भूपेंद्र यादव से निकटता के कारण भाजपा में अन्नपूर्णा देवी का प्रवेश हुआ और अंतर विरोध के बावजूद निवर्तमान सांसद रवींद्र राय का टिकट काटकर संसदीय चुनाव में उम्मीदवार बनाकर इन्हें पार्टी का आशीर्वाद पहले ही मिल गया था। संसदीय चुनाव जीतने के बाद पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और हरियाणा का सह प्रभारी बनाया गया। पार्टी में शामिल होने के दो साल के भीतर ही केंद्र में मंत्री बनाकर आशीर्वाद में और इजाफा किया गया। इनके पति संयुक्त बिहार में राबड़ी कैबिनेट में मंत्री थे। उनकी मौत के इन्होंने विरासत संभाला। सीमावर्ती इलाकों में यादव वोट बैंक पर भी अन्नपूर्णा देवी का अपना प्रभाव है। सोमवार से शुरू जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर रांची में बड़े पैमाने पर बैन पोस्टर लगे हैं। विभिन्न यादव समाज, संगठन स्वागत करता दिख रहा है। इनके महिला मंत्री होने को भी भाजपा भुना रही है।
अन्नपूर्णा देवी की जनाधिकार यात्रा की भव्य तैयारी और स्वागत को लेकर भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभिन्न विभाग के प्रभारियों के साथ बैठक कर योजना को अंजाम दिया। कहा यह बड़ा कार्यक्रम है। विभिन्न विभागवार कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। आशीर्वाद यात्रा के क्रम में 16 से 19 अगस्त तक नौ जिलों और पांच लोकसभा क्षेत्रों में 47 स्थानों पर कार्यक्रम होंगे। अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि के साथ ही कोडरमा से यात्रा शुरू होगी और बरही, पद्मा, इचाक होते हुए शाम में हजारीबाग पहुंचेगी। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू के अनुसार 17 अगस्त की शाम रांची प्रदेश कार्यालय में भव्य स्वागत होगा। और इन कार्यक्रमों के लिए पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव को बड़ा टास्क सौंपा गया है। उन्हीं के निर्देश पर प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इससे भाजपा की योजना की तस्वीर थोड़ी और साफ हो जाती है। हालांकि ओबीसी को लेकर हेमन्त सरकार की सहयोगी कांग्रेस लगातार दबाव बना रही है। झामुमो भी ओबीसी को आरक्षण की वकालत कर रहा है। विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में युपीए की ओर से ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया गया था। इस बीच भाजपा ने अपने पत्ते चल दिये हैं।