भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के रायबरेली सीट को बरकरार रखने और केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा को उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले के बाद देश की मुख्य विपक्षी पार्टी पर ‘परिवारवाद की राजनीति’ में लिप्त होने का आरोप लगाया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनवाला ने आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने और उनकी बहन के वहां से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद आज यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस कोई राजनीतिक दल नहीं बल्कि परिवार की एक कंपनी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मां (सोनिया गांधी) राज्यसभा में होंगी, पुत्र (राहुल गांधी) लोकसभा में एक सीट (रायबरेली) से और प्रियंका भी दूसरी (वायनाड) सीट से लोकसभा में होंगी। यह परिवारवाद का प्रतीक है।’’
भाजपा की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के बाद आई है। खड़गे ने कहा कि राहुल उत्तर प्रदेश में रायबरेली लोकसभा सीट को बरकरार रखेंगे और केरल में वायनाड सीट खाली करेंगे। उन्होंने कहा कि वायनाड से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी।
भाजपा प्रवक्ता ने वायनाड सीट खाली करने के राहुल गांधी के निर्णय को निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ ‘विश्वासघात’ करार दिया और आरोप लगाया कि इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि गांधी परिवार की ‘राजनीतिक विरासत’ बेटे के साथ रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इससे पता चलता है कि बेटे और बेटी के बीच पहले कौन है।’’
पूनावाला ने दावा किया कि गांधी ने रायबरेली सीट इसलिए नहीं छोड़ने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पता है कि अगर वह ऐसा करते हैं तो उपचुनाव में यह सीट भाजपा की झोली में चली जाएगी। उन्होंने कहा कि गांधी ने समाजवादी पार्टी के समर्थन के कारण रायबरेली सीट जीती। उन्होंने दावा किया, ‘‘चुनाव के तत्काल बाद इस सीट पर भाजपा एक बार फिर मजबूत हो गई।’’
भाजपा के टिकट पर वायनाड से चुनाव लड़ चुके के. सुरेंद्रन को उपचुनाव में इस सीट से प्रियंका गांधी के खिलाफ भाजपा के मैदान में उतारने की संभावना है।