कांग्रेस वर्किग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए किए जा रहे इंतजामों पर अपनी चिंता जाहिर की और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। सोनिया गांधी ने कहा कि जब हम सबको कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए था उस समय बीजेपी सांप्रदायिक नफरत का वायरस फैला रही है। इस बैठक में सोनिया गांधी ने किसानों, बेरोजगारों और गरीबों का मुद्दा उठाया और सभी परिवार के लिए 7,500 रुपये की केंद्र सरकार से मांग की।
सोनिया गांधी ने ये भी कहा कि देश में कोरोना वायरस की जितनी टेस्टिंग की जा रही है वो काफी नहीं है और इनकी संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार रैपिड टेस्ट कराने में भी ज्यादा सफल नहीं हो पाई है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने ये भी कहा कि सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को अच्छी क्वालिटी के पीपीई किट मुहैया कराने में विफल रही है और कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए विपक्ष और कांग्रेस की ओर से जो भी सुझाव दिए गए उनपर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
‘लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों ने खोई नौकरियां’
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां खोई हैं। बेरोजगारी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि आर्थिक गतिविधि पूरी तरह से ठप है। इस संकट से निपटने के लिए प्रत्येक परिवार को कम से कम 7,500 रुपये दिया जाना चाहिए।
केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग जरूरी है
इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि लॉकडाउन की सफलता का अंदाजा कोरोना से निपटने की हमारी क्षमता से लगाया जाता है। केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
कोविड-19 की टेस्टिंग को लेकर लगाए आरोप
सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए कि कांग्रेस द्वारा बार-बार इस बात पर जोर दिया गया कि इस महामारी से लड़ने के लिए टेस्टिंग सबसे बड़ा हथियार है लेकिन इसके बावजूद सरकार ने टेस्टिंग की गति नहीं बढ़ाई और देश में टेस्टिंग का अनुपात कम है। इसके अलावा पीपीई के जो किट मुहैया कराए गए हैं वो भी अच्छी क्वालिटी के नहीं हैं।
‘प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हैं, बेरोजगार हैं, घर लौटने को बेताब हैं’
सोनिया गांधी ने कहा कि तीन हफ्ते पहले हुई हमारी बैठक के बाद कोरोना वायरस महामारी काफी तेजी से फैली है और इसका प्रसार भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। वह सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
‘किसानों को करना पड़ रहा है सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना’
किसानों का मुद्दा उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से किसानों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों से किसान बेहाल हैं और उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। अगले चरण की खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।
इससे पहले दो अप्रैल को हुई थी बैठक
बता दें कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में हुई इस बैठक में सीडब्ल्यूसी के सदस्य, स्थायी एवं विशेष आमंत्रित सदस्य और कांग्रेसशासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। इससे पहले दो अप्रैल को सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी, जिसमें कोरोना वायरस संकट पर चर्चा करने के साथ सरकार से छोटे उद्योगों, किसानों, मजदूरों और वेतनभोगी वर्ग के लिए राहत की मांग की गई थी।